कैश से Gold खरीदना चाहते हैं तो जान लें सभी नियम, जल्दबाजी की तो पड़ सकते हैं लेने के देने
अगर आप भी यह सोच रहे हैं कि 2000 रुपये के नोट से सोने में निवेश करें तो आपको बता दें कि आप एक तय सीमा तक ही कैश के जरिए सोने की खरीदारी कर सकते हैं। तय सीमा से उपर खरीदी करने पर आपको अपने दस्तावेज जमा करने होंगे।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 24 May 2023 06:30 PM (IST)
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: भारत में लोग सोने में निवेश करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 19 मई को 2000 रुपये के नोट को वापस लेने के बाद लोग कथित तौर पर बड़ी संख्या में 2000 रुपये के नोट से सोना खरीदने निकले हैं, ताकि उस नोट से भी छुटकारा मिल जाए और निवेश का निवेश भी हो जाए।
लेकिन अगर आप ये सोच रहे है कि आप जितना मन चाहे उतना सोना कैश के माध्यम से खरीद सकते हैं तो ऐसा नहीं है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक व्यक्ति बिना आईडी प्रूफ/पैन कार्ड के कानूनी रूप से कितना सोना खरीद सकता है? इसके अलावा, क्या पैन कार्ड उपलब्ध कराने के बाद भी कैश से खरीदे जाने वाले सोने की मात्रा की कोई सीमा है या नहीं?
सख्त हैं मनी लांड्रिंग के नियम
सबसे पहले ये जानिए कि सरकार ने कैश के जरिए सोने खरीदने के लिए क्या नियम बनाए हैं। सरकार ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत नकदी के साथ सोने की खरीद को नियंत्रित करने वाले नियम बनाए हैं। इसके लिए सरकार ने 28 दिसंबर, 2020 को बकायदा नोटिस भी निकाला था।
इस एक्ट के तहत अगर कोई ग्राहक 10 लाख रुपये या उससे अधिक का सोना कैश में खरीदता है तो ज्वेलर्स को उस ग्राहक का केवाईसी यानी उसका पैन या आधार कार्ड लेकर आधिकारियों को तुरंत सुचित करना होगा।
क्या कहते हैं आयकर नियम?
आयकर कानून एक निर्दिष्ट सीमा से अधिक नकद लेनदेन की अनुमति नहीं देते हैं। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 269ST के तहत एक दिन में एक व्यक्ति कुल मिलाकर 2 लाख रुपये से अधिक के नकद लेनदेन नहीं कर सकता, चाहे वह व्यक्ति एक बार में 2 लाख रुपये का सोना खरीद ले या कुछ हजार का सोना खरीदे। कुल मिलाकर बात यह है कि वह व्यक्ति एक दिन में 2 लाख से उपर का सोना कैश में नहीं खरीद सकता।
यदि कोई व्यक्ति एक ही दिन में 2 लाख रुपये से अधिक की राशि के सोने के आभूषण नकद में खरीदता है तो वो आयकर कानून का उल्लंघन होगा। इस तरह के लेन-देन में नकदी लेने वाला आयकर अधिनियम की धारा 271D के अनुसार नकदी में लेनदेन की गई राशि का जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी होगा।