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IIFL Securities Shares: आईआईएफएल सिक्योरिटीज पर सख्त हुआ सेबी, शेयरों में 19 फीसदी से ज्यादा की गिरावट

IIFL Securities Shares सेबी ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाता रहा है। इसके तहत ही सेबी ने ब्रोक्ररेज फर्म आईआईएफएल सिक्योरिटीज पर सख्त कार्रवाई की है। इसके बाद फर्म के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Tue, 20 Jun 2023 11:58 AM (IST)
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IIFL Securities shares fall more than19 pc in early trade
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। IIFL Securities: आईआईएफएल सिक्योरिटीज के शेयरों में मंगलवार की सुबह 19 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। सेबी द्वारा उठाए गए सख्त कदम के बाद इस ब्रोकरेज फर्म के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली।

इंडिया इंफोलाइन लिमिटेड नाम से महशूर इस फर्म को ग्राहकों के धन के दुरुपयोग का दोषी पाया गया और इसके लिए सेबी ने दो साल के लिए नए ग्राहकों को शामिल करने से रोक दिया है।

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के शेयरों में गिरावट

कमजोर शुरुआत के बाद बीएसई पर स्टॉक 18.48 प्रतिशत गिरकर 58 रुपये पर आ गया। एनएसई पर यह 19.24 प्रतिशत गिरकर 57.50 रुपये पर आ गया। आपको बता दें कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा अप्रैल 2011 से जनवरी 2017 की अवधि के लिए आईआईएफएल की बैलेंस बुक के निरीक्षण के बाद ये फैसला किया गया कि IIFL को नए ग्राहकों को जोड़ने की इजाजत नहीं होगी।

सेबी ने अपनी जांच में क्या पाया

सेबी का कहना है कि आईआईएफएल ने अप्रैल 2011 से जून 2014 तक अपने मालिकाना लेनदेन के निपटान के साथ-साथ अपने ग्राहकों के डेबिट शेष धन का दुरुपयोग किया है। मार्च 2017 के दौरान आईआईएफएल में एक बार फिर इस तरह की चीजें देखने को मिली हैं। 1 अप्रैल, 2011 से 30 जून, 2014 तक निरीक्षण अवधि के दौरान परीक्षण के लिए कवर किए गए 809 ट्रेडिंग दिनों में से कुल 795 ट्रेडिंग दिनों में IIFL द्वारा क्रेडिट बैलेंस क्लाइंट्स के फंड का उपयोग करके डेबिट बैलेंस क्लाइंट्स के ट्रेड का वित्तपोषण किया गया है। 

सेबी ने माना है कि डेबिट बैलेंस वाले ग्राहकों के साथ-साथ अपने स्वयं के मालिकाना व्यापार के लिए ग्राहकों के धन का दुरुपयोग करने के मामले नए नहीं हैं, लेकिन ये सेबी के 1993 के सर्कुलर के प्रावधानों का उल्लंघन है।