Indian Economy: IMF ने अब इस बात को लेकर की भारत की तारीफ, कहा - चुनावी साल में भी आपने...
आईएमएफ में एशिया व प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन ने बताया ‘‘इस समय भारत की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है। 6.8 प्रतिशत की वृद्धि बहुत अच्छी है। महंगाई कम हो रही है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मुद्रास्फीति को तय लक्ष्य तक लाया जाए। ’’ उन्होंने कहा कि राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना खासकर चुनावी वर्ष में मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण बात है।
पीटीआई, वाशिंगटन। IMF applauds India भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति को लेकर वैसे तो दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियां तारीफ करती रहती हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) भी पहले भारत की तारीफ कर चुका है।
अब एक बार फिर आईएमएफ (IMF) ने भारत की प्रशंसा की है। चुनावी साल में वित्तीय अनुशासन बनाए रखने को लेकर इस बार आईएमएफ भारत का मुरीद हो गया है। साथ ही आईएमएफ ने यह भी कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है और अब भी दुनिया का ब्राइट स्पॉट बनी हुई है।
आईएमएफ में एशिया व प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन ने बताया, ‘‘इस समय भारत की अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है। 6.8 प्रतिशत की वृद्धि बहुत अच्छी है। महंगाई कम हो रही है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मुद्रास्फीति को तय लक्ष्य तक लाया जाए। ’’ उन्होंने कहा कि ''राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना खासकर चुनावी वर्ष में, मेरे लिए काफी महत्वपूर्ण बात है क्योंकि देश चुनावी वर्ष में राजकोषीय साहसिक कार्य शुरू करते हैं।''
'सरकार ने अनुशासन बनाए रखा'
श्रीनिवासन ने कहा, ‘‘इस सरकार ने अनुशासन बनाए रखा है। मुझे लगता है यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आखिरकार ठोस ‘मैक्रो फंडामेंटल’ ही वह आधार है जिसके आधार पर देश समृद्ध होते हैं और टिकाऊ वृद्धि कायम रखते हैं। इसलिए इसे बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है।’’
'कई झटकों को झेलकर आगे बढ़ा भारत'
उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले वर्षों में कई झटकों को झेला और उनसे सफलतापूर्वक पार पाया है। यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनकर उभर रहा है। उन्होंने कहा, "इस वर्ष, 2024-25 के लिए 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगा रहे हैं जिसमें निजी उपभोग और सार्वजनिक निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। महंगाई धीरे-धीरे कम हो रही है और अब यह 5 प्रतिशत से नीचे है।"श्रीनिवासन ने कहा, ''यदि आप मैक्रो फंडामेंटल को देखें, तो वे काफी ठोस हैं, चुनावी वर्ष होने के बावजूद, सरकार ने राजकोषीय अनुशासन का पालन किया है। आप रिजर्व स्थिति को देखें, यह मजबूत है। यदि आप समग्र मैक्रो फंडामेंटल को देखें, तो यह काफी अच्छा है।'' उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के जोखिम मोटे तौर पर संतुलित हैं।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बताया था कि 5 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.98 बिलियन डॉलर बढ़कर 648.562 बिलियन डॉलर के नए शिखर पर पहुंच गया। इसके पिछले हफ्ते भी विदेशी मुद्रा भंडार 2.951 बिलियन डॉलर बढ़कर 645.583 बिलियन डॉलर हो गया था, जो अब तक का उच्चतम स्तर था।