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आईएमएफ ने 2022-23 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.8 फीसद किया, कहा- बदतर हो सकते हैं हालात

अगस्त में जारी भारत के आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि विनिर्माण क्षेत्र के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण अप्रैल-जुलाई तिमाही में अर्थव्यवस्था उम्मीद से काफी नीचे 13.5 फीसदी की दर से बढ़ी है। इसके अलावा मौद्रिक नीतियों की सख्ती ऋण संकट को ट्रिगर कर सकती है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Tue, 11 Oct 2022 07:06 PM (IST)
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IMF cuts India's growth forecast to 6.8% for 2022-23
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने मंगलवार को अपने नवीनतम विश्व आर्थिक आउटलुक में भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को 6.8% तक घटा दिया है। जुलाई में इसका अनुमान 7.4 फीसद था। बाहरी कारणों और उम्मीद से कमजोर दूसरी तिमाही की वृद्धि का हवाला देते हुए आईएमएफ ने कहा है कि अभी हालात और भी बदतर हो सकते हैं।

आईएमएफ ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को मुद्रास्फीति कड़ी मौद्रिक नीतियों, रूस के यूक्रेन पर आक्रमण और COVID-19 महामारी सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊर्जा और खाद्य कीमतों में तेजी के कारण मुद्रास्फीति लंबे समय तक बनी रह सकती है। मौद्रिक नीतियों की सख्ती उभरते बाजारों के ऋण संकट को तेज कर सकती है।

कम रहेगी भारत की विकास दर

एजेंसी ने नकारात्मक गिरावट के जोखिम के बावजूद 2022-23 के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को 6.1% पर बरकरार रखा है। आईएमएफ ने अपने 'वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (World Economic Outlook: Countering the Cost-of-Living Crisis) में कहा है कि भारत के लिए हमारा अनुमान 6.8% का है। जुलाई के पूर्वानुमान के बाद से इसमें 0.6 प्रतिशत की गिरावट है। 

हालांकि विकास पूर्वानुमान में गिरावट के बावजूद, भारत 2022 और 2023 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा। चीन की वृद्धि 2022 में 3.2 और 2023 में 4.4 फीसद तक धीमी होने का अनुमान है।

अन्य एजेंसियों ने भी घटाया अनुमान

आईएमएफ का पूर्वानुमान भी अन्य एजेंसियों द्वारा विकास दर पूर्वानुमान में किए गए संशोधनों की तर्ज पर विकास दर में कटौती की बात करता है। आपको बता दें कि विश्व बैंक ने पिछले हफ्ते 2022-23 के लिए भारत के विकास के अनुमान को घटाकर 6.5% कर दिया था। एशियाई विकास बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक ने विकास अनुमान को घटाकर 7 फीसद कर दिया था।

कितनी रहेगी मुद्रास्फीति

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि 2022-23 में भारत में मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2023-24 में 5.1फीसद तक कम हो सकती है। आईएमएफ का कहना है कि मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों की सख्ती, मांग को कमजोर कर रही है और नीति निर्माताओं का लक्ष्य फिलहाल मुद्रास्फीति को टॉलरेंस बैंड के भीतर लाना है।

वैश्विक विकास की क्या है स्थिति

आईएमएफ ने उम्मीद जताई है कि वैश्विक विकास 2022 में 3.2 पर अपरिवर्तित रहेगा। यानी इस साल दुनिया की विकास दर में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि 2023 में यह 2.7 फीसद तक धीमी रहेगी, जो जुलाई के पूर्वानुमान से 0.2 प्रतिशत कम है। आईएमएफ ने कहा है कि 25 फीसद संभावना इस बात की भी है कि यह 2 प्रतिशत से नीचे गिर सकता है। आईएमएफ ने आगाह किया है कि इकोनॉमिक आउटलुक के लिए जोखिम असामान्य रूप से बड़े हैं और ग्रोथ ट्रेंड को नीचे की तरफ ले जा रहे हैं।

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