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कर्ज के बोझ तले दबे Maldives को IMF की कड़ी चेतावनी, भविष्य में और गहरा सकता है आर्थिक संकट

IMF Report अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने मालदीव की अर्थव्यवस्था को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में उन्होंने मालदीव को कड़ी चेतावनी दी है। आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार अगर मालदीव सरकार ने समय पर नीतिगत फैसले नहीं लिये तो उनको आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। चलिए इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं।

By Agency Edited By: Priyanka KumariUpdated: Thu, 08 Feb 2024 04:46 PM (IST)
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कर्ज के बोझ तले दबे Maldives को IMF की कड़ी चेतावनी

एजेंसी, नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बढ़ते राजकोषीय घाटे और सार्वजनिक डेट के बीच मालदीव बाहरी और समग्र डेट संकट के "उच्च जोखिम" में बना हुआ है।

आईएमएफ मिशन ने 23 जनवरी से 6 फरवरी तक मालदीव का दौरा किया था। आर्थिक विकास और देश की नीतिगत प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए पियापोर्न सोडश्रीविबून के नेतृत्व में आईएमएफ मिशन शुरू किया।

आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अर्थव्यवस्था 2022 में 13.9 प्रतिशत बढ़ी है और 2023 में 4.4 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।

आईएमएफ की रिपोर्ट

कोविड महामारी से प्रेरित संकुचन के बाद मालदीव की अर्थव्यवस्था 2022 में 13.9 प्रतिशत बढ़ी और 2023 में 4.4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। वहीं, 2024 में विकास दर 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इस वृद्धि की वजह पर्यटकों के आगमन को माना जा रहा है।

वैश्विक वित्तीय एजेंसी ने आगे बताया कि फ्यूल की ऊंची कीमतों और मजबूत आयात मांगों के बीच 2024 में चालू खाता घाटा 'बड़ा' रहने का अनुमान है। अगर कोई महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव नहीं होते हैं तो राजकोषीय घाटा और सार्वजनिक ऋण ऊंचा रहने का अनुमान है। ऐसे में मालदीव को आर्थिक तौर पर संकट का सामना करना पड़ सकता है।

मालदीव जलवायु परिवर्तन के जोखिमों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। बाढ़ और समुद्र के बढ़ते स्तर के कारण गंभीर आर्थिक लागत लग सकती है।

आईएमएफ के अनुसार मालदीव को अपनी कमजोरियों को कम करने और सार्वजनिक वित्त और डेट की स्थिरता को बहाल करने के लिए सख्त मौद्रिक और मैक्रो-विवेकपूर्ण नीतियों के साथ निरंतर राजकोषीय समेकन की आवश्यकता है।

वैश्विक वित्तीय एजेंसी ने जलवायु अनुकूलन के लिए संस्थानों को मजबूत करने का सुझाव दिया है।

मोहम्मद मुइज्जू ने संसद में संबोधन दिया

सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) ने विपक्ष द्वारा पूरी तरह से बहिष्कार किए गए सत्र में संसद को संबोधित किया।

मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि

एक व्यापक रक्षा रणनीति के हिस्से के रूप में मालदीव के लिए स्थलीय, हवाई और समुद्री डोमेन में अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। मालदीव सरकार ने आधिकारिक तौर पर सूचित किया है कि वह विदेशी देशों को मालदीव के महासागरों और समुद्र तटों को मापने और मानचित्र बनाने में सक्षम बनाने वाले समझौते को नवीनीकृत नहीं करेगी।

इसके आगे वह कहते हैं कि भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए कूटनीतिक बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि पिछली वार्ता में सहमति हुई थी, तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक पर सैन्य कर्मियों को 10 मार्च, 2024 से पहले हटा लिया जाएगा, और शेष दो प्लेटफार्मों पर सैन्य कर्मियों को 10 मई, 2024 से पहले वापस ले लिया जाएगा।

गौरतलब है कि मालदीव में भारतीय सैनिकों को हटाना मुइज्जू की पार्टी का मुख्य अभियान था। वर्तमान में, मालदीव में डोर्नियर 228 समुद्री गश्ती विमान और दो एचएएल ध्रुव हेलीकॉप्टरों के साथ लगभग 70 भारतीय सैनिक तैनात हैं। मालदीव और भारत के बीच उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की दूसरी बैठक पिछले हफ्ते नई दिल्ली में हुई। तीसरी बैठक इस महीने के अंत में होने की उम्मीद है।