Move to Jagran APP

Indian Economy की बढ़ती ताकत पर IMF ने लगाई मुहर, कहा- भारत के चलते एशिया प्रशांत क्षेत्र की ग्रोथ 4% से ऊपर

IMF की ओर से चालू वित्त वर्ष के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र की विकास दर का एक अनुमान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि भारत और चीन की अर्थव्यवस्था के कारण एशिया प्रशांत क्षेत्र की विकास दर 4.6 प्रतिशत रह सकती है। (जागरण फाइल)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 02 May 2023 11:34 AM (IST)
Hero Image
International Monetary Fund revised the Asia Pacific Growth
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund -IMF) की ओर से एशिया-प्रशांत क्षेत्र की वृद्धि दर के अनुमान को 3.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया गया है। दुनिया की बड़ी वित्तीय संस्था द्वारा अनुमान में बढ़ोतरी ऐसे समय पर की गई है, जब पश्चिमी देशों की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं मंदी का खतरा मंडरा रहा है।

आईएमएफ ने बताया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.6 प्रतिशत रह सकती है, जो कि 2022 में 3.8 प्रतिशत थी। अक्टूबर 2022 में वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में दिए गए अनुमान से ये 0.30 प्रतिशत अधिक है। इस वृ्द्धि में सबसे अधिक योगदान भारत और चीन की अर्थव्यवस्था का होगा।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र की बढ़ती आर्थिक ताकत

भारत और चीन का नाम एशिया-प्रशांत क्षेत्र की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में आता है। मौजूदा समय में पश्चिमी देशों के मुकाबले भारत और चीन की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है। इस कारण आईएमएफ ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में होने वाली वृद्धि में एशिया-प्रशांत क्षेत्र का योगदान 70 प्रतिशत होगा।

एशिया की अर्थव्यवस्था में रिकवरी

आईएमएफ ने बताया कि एशिया की अर्थव्यवस्था में गति चीन की रिकवरी और भारतीय अर्थव्यवस्था के लगातार विकास करने के कारण बनी रहेगी। साथ ही एशिया के बाकी हिस्सों ग्रोथ के 2023 में निचले स्तरों पर रहने की उम्मीद है और ऐसा ही अन्य रीजन के साथ होगा।

भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर अनुमान

विश्व बैंक के अनुसार चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.3 प्रतिशत की दर से विकास कर सकती है। वहीं, आरबीआई भी वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान जता चुका है।

RBI के अनुमानों के मुताबिक, 2023-24 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। वहीं, बाद के तिमाही की बात करें तो आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक, दूसरी तिमाही में विकास दर 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में विकास दर 6.2 फीसदी और चौथी तिमाही में विकास दर 5.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।