Move to Jagran APP

यूपीएस लागू करना कोई यू-टर्न या रोलबैक नही: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

यूनिफायड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को सरकार का यू-टर्न और रोलबैक करार देने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि यह किसी भी तरह से यू-टर्न या रोलबैक नहीं है। यू-टर्न का मतलब होता है पुरानी स्थिति पर आ जाना जबकि यूपीएस नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) और ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) से अलग है। यह ओपीएस 2.0 नहीं है।

By Jagran News Edited By: Ankita Pandey Updated: Tue, 27 Aug 2024 09:59 PM (IST)
Hero Image
यूनिफायड पेंशन स्कीम (यूपीएस) में किसी भी तरह से यू-टर्न या रोलबैक नहीं है।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। कांग्रेस की तरफ से यूनिफायड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को सरकार का यू-टर्न और रोलबैक करार देने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि यह किसी भी तरह से यू-टर्न या रोलबैक नहीं है।

यू-टर्न का मतलब होता है पुरानी स्थिति पर आ जाना जबकि यूपीएस नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) और ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) से अलग है। यह ओपीएस 2.0 नहीं है। ओपीएस की चुनौतियों को देखते हुए और एनपीएस से कुछ सबक लेते हुए यूपीएस को तैयार किया गया है। इसकी कहीं से यू-टर्न नहीं कहा जा सकता है।

बजट में प्रोपर्टी टैक्स को लेकर जारी इंडेक्सेशन

कांग्रेस की तरफ से यू-टर्न सरकार के लेबल पर वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस में पहले प्रशासनिक अनुभव वाले नेता होते थे तो जब वे बोलते थे तो लोग सुनते थे। अब कोई नेता ऐसा बचा नहीं है और वे जो बोलते हैं, उसे कोई सुनता नहीं है, इसलिए वे नारेबाजी करते हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब नारा से चलने वाली पार्टी बन गई है। ब्राडकास्ट बिल को वापस लिए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि बेहतर चर्चा के लिए अगर बिल को वापस लिया जाता है तो यह कब से यू-टर्न बन गया। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि मेरे हिसाब से यूपीएस एनपीएस से कर्मचारियों के लिए बेहतर है।

बजट में प्रोपर्टी टैक्स को लेकर जारी इंडेक्सेशन को वापस लिए जाने पर उन्होंने कहा कि हम कैपिटल मार्केट में सुधार चाहते हैं इसलिए हमने नया फार्मूला पेश किया था।

यह भी पढ़ें- टॉप 150 जिलों में पांच लाख से ज्यादा आय वाले 60 प्रतिशत परिवार, बेंगलुरु शहरी और हैदराबाद शीर्ष पर

UPS लागू करने की राज्यों पर कोई जबरदस्ती नहीं

वित्त मंत्री ने कहा कि यूपीएस लागू करने के लिए राज्यों पर कोई जबरदस्ती नहीं है। हम यूपीएस लागू करने पर राज्यों को कोई इंसेंटिव भी नहीं देने जा रहे हैं। हर राज्य अपना फैसला लेगा और यह पूरी तरह से उनके ऊपर निर्भर करेगा। केंद्र उन्हें लागू करने के लिए कहने नहीं जाएगा।

गत 24 अगस्त को कैबिनेट से यूपीएस को मंजूरी दी गई जो अगले साल अप्रैल से लागू होगी। इसके तहत कर्मचारी को अंतिम साल के औसत वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में निर्धारित किया जाएगा। हिमाचल, पंजाब, कांग्रेस शासित राजस्थान की पूर्व सरकार ने एनपीएस की जगह ओपीएस को लागू करने की घोषणा की थी।

वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक यूपीएस को लागू करने से पहले मामले से जुड़ी कमेटी ने सभी राज्यों के साथ विचार-विमर्श किया। 25 से अधिक बैठकें की गईं। वित्त सचिव और तीन दिनों के बाद कैबिनेट सचिव का पदभार संभालने जा रहे टीवी सोमनाथन कमेटी के अध्यक्ष थे।

यह भी पढ़ें-Janmashtami 2024: जन्माष्टमी पर बाजारों में खूब रही रौनक, 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार