कच्चे-रिफाइंड तेलों के आयात पर बढ़ा शुल्क, कई शहरों में सस्ती हुई प्याज
केंद्र सरकार ने कच्चे तेलों के आयात पर मूल शुल्क 20 प्रतिशत और रिफाइन तेलों के आयात पर 32.5 प्रतिशत किया है। दिल्ली में प्याज का मूल्य 60 रुपये से घटकर 55 रुपये प्रति किलो हो गया है। इसी तरह मुंबई में 61 से 56 रुपये प्रति किलो पहुंची है और चेन्नई में 65 से 58 रुपये प्रति किलो हो गया है।
नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्र सरकार ने कच्चे पाम तेल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल के आयात पर शुल्क को बढ़ाकर क्रमश: 20 और 32.5 प्रतिशत कर दिया है। वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, कच्चे पाम तेल, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया है। इसी तरह, रिफाइंड पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क को 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत किया गया है। इस वृद्धि के बाद प्रभावी आयात शुल्क क्रमश: 27.5 प्रतिशत और 35.75 प्रतिशत हो जाएगा।
किसानों को होगा भारी लाभ
एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को कहा कि इस कदम से किसानों को भारी लाभ होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। अधिकारी ने कहा कि प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य हटाने और निर्यात शुल्क में कटौती के फैसले से भी किसानों को मदद मिलेगी। अधिकारी ने कहा कि यह सोया और तिलहन किसानों के लिए बड़ी मदद है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा। यहां इन तिलहनों का उत्पादन काफी अधिक होता है। ये उपाय खाद्य तेल की घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार के प्रभावी प्रबंधन के कारण संभव हो पाए हैं, जो पिछले करीब दो वर्षों से लगातार गिर रही हैं।
किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार ने रिफाइन आयल के लिए मूल शुल्क (बेसिक ड्यूटी) को 32.5 टन तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से रिफाइनरी तेल के लिए सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढ़ेगी। किसानों को इन फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे और साथ ही छोटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिफाइनरी बढ़ने से वहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री