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सरकार ने सोने के कुछ आभूषणों के आयात पर लगाया प्रतिबंध, इंपोर्ट पॉलिसी में भी किया संशोधन

Import Restrictions बुधवार को सरकार ने सोने के आभूषणों के आयात नीति में बदलाव किया है। इसी के साथ सरकार ने आयात किये जाने वाले वस्तुओं के आंकड़े भी जारी किये हैं। सरकार ने भारत-यूएई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर कोई भी प्रतिबंध नहीं लगाया है। आइए सरकार द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में विस्तार से जानते हैं। (जागरण फाइल फोटो)

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Thu, 13 Jul 2023 09:07 AM (IST)
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Govt imposes import restrictions on certain gold jewellery
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत सरकार ने सोने के आभूषणों पर अहम फैसला लिया है। सरकार ने कई वस्तुओं के साथ ही सोने के आभूषणों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार का मानना है कि इससे कई गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात को भी कम करने में मदद मिलेगा। अब सोने के आभूषणों को आयात करने के लिए आपके पास लाइसेंस होना अनिवार्य कर दिया है। भारत-यूएई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर किसी भी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।

डीजीएफटी ने इसके लिए एक अधिसूचना जारी की है जिसमें ये बताया गया है कि कई उत्पादों की आयात-नीति पर संशोधन किया गया है।

आयात दरों में आई गिरावट

चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-मई के दौरान मोती, कीमती पत्थरों के आयात में कमी आई है। अब ये 25.36 फीसदी घटकर 4 बिलियन डालर हो गया है। वहीं इस अवधि में सोने का आयात 40 फीसदी घट गया है। अब ये केवल 4.7 बिलियन रह गया है। कुल वस्तु आयात 10.24 फीसदी कम होकर अब 107 बिलियन डालर हो गया है। वहीं, वस्तु व्यापार का आयात 37.26 बिलियन हो गया है। ये अप्रैल- मई में 40.48 बिलियन था।

इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल-मई में कुछ सोने के आभूषणों का आयात 110 मिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा रहा। यह मुख्य रूप से संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया और अमेरिका जैसे देशों से आयात किया गया था।

कामा ज्वेलरी के एमडी और रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के पूर्व अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा:

सरकार का कदम देश की अर्थव्यवस्था को संतुलित करना है। निर्यात के लिए प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखने के लिए रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए कच्चा माल सोना उचित मूल्य पर उपलब्ध होना चाहिए।

केंद्र ने राज्य सरकारों को दिए 7,532 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने कल राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के लिए 22 राज्य सरकारों को 7,532 करोड़ रुपये जारी किए हैं।