Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

1 अक्टूबर से बदलेंगे शेयर मार्केट और टैक्स से जुड़े नियम, जेब पर पड़ेगा सीधा असर

1 अक्टूबर से टैक्स से जुड़े नियमों में अहम बदलाव होने वाले हैं। इनमें शेयर मार्केट से भी जुड़े नियम हैं जो सीधे तौर पर निवेशकों की ट्रेडिंग स्ट्रैटजी और प्रॉफिट को प्रभावित करेंगे। जैसे कि सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स। ऐसे में अगर आप शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं तो आपको नियमों से वाकिफ होना चाहिए। इससे आप सही ट्रेडिंग स्ट्रैटजी बना पाएंगे।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 30 Sep 2024 05:07 PM (IST)
Hero Image
'विवाद से विश्वास योजना 2.0' भी 1 अक्टूबर से शुरू होगी।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। 1 अक्टूबर से शेयर बाजार और टैक्स से जुड़े कई नियमों में बदलाव हो रहा है। इसका सीधा असर निवेशकों की जेब पर पड़ेगा। अगर आप भी शेयर मार्केट में निवेश करते हैं या फिर टैक्स का भुगतान करते हैं, तो आपके लिए इन नियमों को जानना बेहद जरूरी है।

एसटीटी चार्ज दोगुना हुआ

देश में बहुत-से लोग फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में ट्रेड करते हैं। 1 अक्टूबर से F&O ट्रेड पर सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) की बढ़ी दरें लागू होंगी। फ्यूचर्स पर एसटीटी में 0.02 फीसदी तक और ऑप्शंस पर 0.1 फीसदी तक इजाफा हुआ है। इससे F&O ट्रेड करने की लागत खासतौर पर रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए बढ़ जाएगी।

ITR में आधार-PAN जरूरी

इनकम टैक्स फाइल करते वक्त आधार कार्ड और पैन कार्ड जरूरी होता है। हालांकि, अभी तक टैक्सपेयर्स आधार और पैन की इनरोलमेंट आईडी लगाकर भी काम चला लेते थे। लेकिन, अब ऐसा करना मुमकिन नहीं होगा। पैन-आधार का दुरुपयोग और डुप्लीकेशन रोकने के लिए आईटीआर में इनरोलमेंट आईडी लगाने की सुविधा नहीं रहेगी।

शेयर बायबैक पर टैक्स लगेगा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 शेयर बायबैक से होने वाली इनकम को डिविडेंड के बराबर बताते हुए इस पर टैक्स लगाने का एलान किया था। इस पर डिविडेंड्स की तरह शेयरहोल्डर लेवल के टैक्स लागू होंगे। इससे टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा। शेयर बायबैक से हुई आय पर भी टैक्स लगेगा। यह बदलाव भी 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगा।

फ्लोटिंग रेट बॉन्ड टीडीएस

इसका एलान भी बजट 2024 में किया गया था कि एक अक्टूबर 2024 से फ्लोटिंग रेट बॉन्ड सहित कुछ केंद्रीय और राज्य सरकार के बॉन्ड से 10 फीसदी की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी। हालांकि, कुछ छूट भी रहेगी। अगर पूरे साल में रेवेन्यू 10 हजार रुपये से कम है, तो टीडीएस नहीं काटा जाएगा।

टीडीएस में कमी भी हुई

सरकार ने 19 डीए, 194एच, 194-1बी और 194 एम के तहत टीडीएस 5 फीसदी से घटाकर 2 फीसदी कर दिया है। साथ ही, टैक्स विवादों के निपटान के लिए 'विवाद से विश्वास योजना 2.0' भी 1 अक्टूबर से शुरू होगी। इसमें टैक्स और कॉर्पोरेट विवादों का निपटारा आसानी से किया जा सकेगा, जिससे लोग मुकदमेबाजी से बच सकेंगे।

यह भी पढ़ें : Personal Loan vs Credit Card: क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन, इमरजेंसी में किसका इस्तेमाल करने में है समझदारी?