Moonlighting वाले ITR भरते समय इन बातों का रखें ध्यान, नहीं तो आ जाएगा आयकर विभाग का नोटिस
जब हम अपनी नियमित कमाई के अलावा फ्रीलांस या फिर किसी अन्य तरह का काम करके पैसा कमाते हैं तो इसे Moonlighting कहते हैं। मूनलाइटिंग के जरिए अर्जित आय को वेतन या पेशेवर शुल्क/व्यावसायिक आय के रूप में प्राप्त किया जा सकता है। मूनलाइटिंग से की जाने वाली कमाई को लेकर अलग-अलग नियम हैं। अगर आपको सैलरी के तौर पर पैसे मिल रहे हैं तो इसे ITR-1 में दिखाना होगा।
Moonlighting क्या होती है?
जब हम अपनी नियमित कमाई के अलावा फ्रीलांस या फिर किसी अन्य तरह का काम करके पैसा कमाते हैं, तो इसे Moonlighting कहते हैं। आसान भाषा में समझें, तो हर महीने मिलने वाली तनख्वाह के अलावा हम जो ऊपर की कमाई करते हैं उसे मूनलाइट कहते हैं। ऐसा करने वालों को मूनलाइटर्स बोला जाता है।
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मूनलाइटिंग पर कैसे लगता है टैक्स?
मूनलाइटिंग के जरिए अर्जित आय को वेतन या पेशेवर शुल्क/व्यावसायिक आय के रूप में प्राप्त किया जा सकता है। इस कमाई पर भी टैक्स भरना जरूरी है। अगर मूनलाइटिंग से आय वेतन के रूप में प्राप्त होती है, तो व्यक्ति की कुल आय पर लागू टैक्स स्लैब के अनुसार कर लगाया जाता है। फ्रीलांसिंग, कंसल्टेंसी या किसी अन्य प्रकार के स्व-रोजगार से मिली मूनलाइटिंग इनकम पर अलग तरह से टैक्स लगाया जाता है।