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Twitter X से कमाई करने वालों को देना पड़ सकता है 18 प्रतिशत जीएसटी, जानिए कितनी है लिमिट

X (Twitter) Tax ऑनलाइन गेमिंग के बाद अब इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स से जिन यूजर्स की कमाई होती है उनको भी जीएसटी का भुगतान करना होगा। आपको बता दें कि जुलाई में ट्विटर का लोगो बदलकर एक्स (X) कर दिया गया था। अब इसे एक्स या फिर ट्विटर एक्स के नाम से जाना जाता है। एक्स से जो भी यूजर्स कमा रहे हैं इन्हें अब 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Sun, 13 Aug 2023 06:32 PM (IST)
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Twitter X से कमाई करने वालों को देना पड़ सकता है 18 प्रतिशत जीएसटी
 नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: अगर आप भी एलन मस्क के सोशल मीडिया एक्स (X)से पैसे कमाते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। अब एक्स से जो भी यूजर्स कमा रहे थे उन सभी को टैक्स का भुगतान करना होगा। आपको बता दें कि एक्स से ऐड रेवेन्यू शेयरिंग स्कीम के तहत जो भी यूजर्स कमा रहे होते हैं उन सभी को जीएसटी कानून के तहत 18 फीसदी की जीएसटी देना होगा।

विशेषज्ञों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किराया, बैंक एफडी के इंटरेस्ट या फिर कोई और प्रोफेशनल से एक साल में 20 लाख रुपये से ज्यादा कमाता है तो उसे टैक्स का भुगतान करना होगा। वहीं, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर जैसे कुछ विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए यह सीमा 10 लाख रुपये है।

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ पार्टनर रजत मोहन ने कहा

अगर कोई व्यक्ति बैंकों से सालाना 20 लाख रुपये की ब्याज अर्जित करता है। अब यदि वह एक्स जैसे प्लेटफार्म से कोई अतिरिक्त कर योग्य आय हासिल करता है तो उसे 20 लाख रुपये से ऊपर की रकम पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।

एक्स के ऐड रेवेन्यू से कब मिलता है पैसा

हाल के दिनों में, एक्स (पूर्व में ट्विटर) ने अपने एक्स प्रीमियम ग्राहकों या वेरीफाई मेंबर के लिए एक ऐड रेवेन्यू शुरू किया था। इस में वहीं लोग शामिल है जिनके एक्स अकाउंट या फिर ट्विटर अकाउंट में पिछले तीन महीनों में पोस्ट पर 15 मिलियन ऑर्गेनिक इंप्रेशन और कम से कम 500 फॉलोअर्स होने चाहिए। कंटेंट क्रिएटर एक्स पर क्रिएटर सबस्क्रिप्शन और ऐड रेवेन्यू का इस्तेमाल कर सकते हैं। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने एक्स के ऐड रेवेन्यू के बारे में ट्वीट पोस्ट किए हैं।

ईवाई टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा

पिछले कुछ वर्षों से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कंटेंट क्रिएटर और इंफ्लयूएंशर की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। यह सभी गतिविधियां जीएसटी के अधीन हैं। ऐसे व्यक्तियों के लिए पंजीकरण, रिटर्न और कर भुगतान आवश्यकताओं का अनुपालन करना अनिवार्य है। जो भी व्यक्ति की आय 20 लाख रुपये से ज्यादा होती है उन्हें 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होता है।