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Income Tax डिपार्टमेंट AI से हुआ हाइटेक, फर्जी क्लेम लेने वालों को धड़ाधड़ भेजे जा रहे हैं नोटिस

Income Tax डिपार्टमेंट की ओर से फर्जी छूट लेने वालों की पहचान करने के लिए AI का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ऐसे लोगों को आईटी विभाग की ओर से नोटिस भी भेजा गया है। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Mon, 19 Jun 2023 02:46 PM (IST)
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AI का उपयोग कर रीअसेसमेंट किया जा रहा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश का इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टेक्नोलॉजी के साथ एडवांस हो गया है। आईटी डिपार्टमेंट की ओर से एआई का उपयोग करके वित्त वर्ष 2018-19 के बीच जमा किए आईटीआर का असेसमेंट किया जा रहा है। इसमें ऐसे रिटर्न की संख्या ज्यादा है, जिसमें किसी ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टी और चैरिटेबल ट्रस्ट को किसी व्यक्ति की ओर से चंदा दिया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबकि, इस साल 20 मार्च से लेकर 10 जून के बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को इनकम टैक्स विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है, जिन्होंने अपने आईटीआर में ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टी और चैरिटेबल ट्रस्ट आदि को दिया गया चंदा रिटर्न में दिखाया है।

कैसे हो इनकम टैक्स में AI का इस्तेमाल?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके दाखिल किए गए ऐसे आईटीआर की पहचान कर रहा है जिसमें आय के मुकाबले वित्त वर्ष 2018-19 में दान का अनुपात कम हुआ है।

बता दें, इनकम टैक्स की धारा 80G के मुताबिक, राजनीतिक पार्टियों और चैरिटेबल ट्रस्ट को दान दी गई राशि पर 50 से लेकर 100 प्रतिशत तक की छूट ली जा सकती है।

नोटिस में क्या है?

ये नोटिस इनकम टैक्स की धारा 138 और 148 A के तहत जारी किए जा रहे हैं। नोटिस में केवल उस ही छूट को लेकर सवाल उठाए गए हैं ,जिसे गलत प्रकार से लिया गया है। कुछ मामलों में क्लेम आय का एक बड़ा हिस्सा दान में दे दिया गया है, जिस कारण उन्हें रीअसेसमेंट नोटिस भेज दिया गया है।

बता दें, इनकम टैक्स की ओर से 50 लाख से अधिक आय वालों का रीअसेसमेंट इनकम टैक्स भरने के 10 साल बाद और 50 लाख रुपये से कम आय वालों का रीअसेसमेंट 8 सालों तक किया जा सकता है।