Income Tax: किराए और ब्याज की इनकम पर आसानी से बचा सकते हैं TDS, बस फॉलो करें ये टिप्स
टैक्स का भुगतान करना देश के सभी टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है। अगर कोई टैक्सपेयर्स टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं तो आयकर विभाग उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करता है। आयकर विभाग ने एक टैक्स स्लैब बनाया है। उसी आधार पर टैक्स का भुगतान करना होता है। अगर आप उस टैक्स स्लैब में नहीं आते हैं और टीडीएस कटता है तो आपको क्या करना चाहिए?
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Mon, 09 Oct 2023 01:03 PM (IST)
बिजनेस डेस्क,नई दिल्ली। आयकर विभाग द्वारा बनाए गए टैक्स नियमों के अंतर्गत आने वाले सभी व्यक्ति को सही समय पर टैक्स का भुगतान करना होता है। अगर आयकर विभाग ने कर योग्य सीमा भी बनाई है। इस सीमा के भीतर आपकी इनकम आती है तो आपको टैक्स का भुगतान नहीं करना होता है। वहीं, अगर कर योग्य सीमा से ज्यादा इनकम होती है तो आपको टैक्स का भुगतान करना होता है। आपको टैक्स का भुगतान करते समय इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि आप सही समय पर टैक्स का भुगतान करें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके नाम पर इनकम टैक्स का नोटिस भी आ सकता है।
आपके सैलरी, रेंट और बैंक से मिलने वाले इंटरेस्ट पर टीडीएस लागू होता है। इन करदाताओं का टीडीएस काटा जाता है। अगर कोई वेतनधारक व्यक्ति के पास बैंक अकाउंट है या फिर उसे रेंट से इनकम होती है तो उसका टीडीएस काटा जाता है। यह टीडीएस की गणना इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर किया जाता है। इनकम टैक्स अधिनियम 1961 के तहत ही टीडीएस की दर को तय किया जाता है।
टीडीएस की दर इनकम और उसके सोर्स के साथ पैन के आधार पर भी तय होती है। इसका मतलब है कि अगल किसी करदाता ने पैन कार्ड (Pan Card) की जानकारी नहीं दी है तो उसके टीडीएस की दर अलग होगी। अगर आपकी इनकम कर योग्य से कम है और आपका टीडीएस कट रहा है तो आप उसे सुधार करने के लिए फॉर्म 15 जी/एच का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ये भी पढ़ें- TDS और TCS कटने का मतलब पैसे डूबना नहीं, क्लेम करने पर मिल जाएगी रकम; ये है तरीका
फॉर्म 15जी/एच का इस्तेमाल कौन करता है
यह दोनों फॉर्म 15 जी/एच दो अलग आयु वर्ग के लिए होता है। फॉर्म 15G का इस्तेमाल 60 साल से कम आयु वाले व्यक्ति करते हैं। वहीं, फॉर्म 15H का उपयोग सीनियर सिटीजन द्वारा किया जाता है। यह दोनों फॉर्म का इस्तेमाल वो करदाता करते हैं जो कर योग्य नहीं होते हैं।