Moonlighting: एक साथ दो कंपनियों में काम करने पर कितना लगता है टैक्स? जानिए क्या हैं इसके नियम
Moonlighting कोरोना के बाद देश में तेजी से आईटी सेक्टर में मूनलाइटिंग लोकप्रिय हुई है। ऐसे मूनलाइटिंग करने वाले लोगों को इस टैक्स से जुड़े सभी नियमों अच्छे से जान लेना चाहिए जिसकी जानकारी हम अपने लेख में देने जा रहे हैं।
By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Fri, 04 Nov 2022 12:14 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना के कारण वर्क फ्रॉम होम कल्चर की वजह से कर्मचारियों (विशेषकर आईटी सेक्टर के) ने एक कंपनी में काम करते हुए, दूसरी कंपनी में भी काम करना शुरू कर दिया, जिसे मूनलाइटिंग नाम दिया गया।
मूनलाइटिंग करके कर्मचारियों को अपने सालाना पैकेज के अतिरिक्त आय होती है, तो ऐसे में कर्मचारियों को अपनी अतिरिक्त आय पर भी टैक्स देना होता है, जिसके बारे में हम अपने इस लेख में बताने जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट भी मूनलाइटिंग करने वाले कर्मचरियों को लेकर सतर्क है और ऐसे में अगर आप दूसरी जॉब से हुई आय को अपने रिटर्न में नहीं दिखाते हैं, तो आप मुश्किल में फंस सकते हैं।
Moonlighting से हुई इनकम पर टैक्स
रिटायर्ड इनकम टैक्स कमिश्नर जसजीत सियां के मुताबिक अगर किसी कंपनी या व्यक्ति की ओर से कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए कर्मचारी या पेशेवर को 30,000 रुपये से ज्यादा का भुगतान किया जाता है, तो इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक किए गए भुगतान पर टीडीएस काटना होता है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 194सी के मुताबिक, अगर कोई कंपनी या व्यक्ति के द्वारा कॉन्ट्रैक्ट पर किसी को भी रखा जाता है, तो उसे टीडीएस का भुगतान करना होता है।
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 194जे के अनुसार, किसी भी फर्म या कंपनी के द्वारा अगर 30,000 या इससे अधिक का भुगतान किसी को किया जाता है, तो 10 प्रतिशत टीडीएस कटता है। अगर एक वित्त वर्ष में किसी को कुल एक लाख या उससे अधिक का भुगतान भी किया जाता है, तो भी नियोक्ता को टीडीएस काटना होगा।