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ITR Filing: अगर मिल गया है Form 16 तो आपने चेक किए इसके डिटेल? जान लें पार्ट ए और बी का अंतर

ITR File 2023 आपको आईटीआर फाइल करते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। आपको इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि इसमें कोई जानकारी गलत नहीं होनी चाहिए। आईटीआर फाइल करते समय फॉर्म-16 काफी जरूरी होता है। इस फॉर्म में 2 भाग होते हैं।  

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariPublished: Mon, 19 Jun 2023 05:00 PM (IST)Updated: Mon, 19 Jun 2023 05:00 PM (IST)
ITR Filing के लिए form 16 है जरूरी

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। ऐसे में आपको आखिरी डेट का इंतजार नहीं करना चाहिए। आखिरी दिन हो सकता है कि पोर्टल पर ज्यादा भीड़ की वजह से सर्वर डाउन रहें। ऐसे में आपको जल्द से जल्द ही रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। आईटीआर फाइल करते समय आपको कई बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए।

आपको इस बात का ध्यान जरूर देना चाहिए कि उसमें कोई गलत जानकारी ना हो। एक छोटी सी गलत जानकारी आपको परेशानी में डाल सकती है। आइए जानते हैं कि आपको आईटीआर फाइल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।  

फॉर्म-16

वेतनभोगी व्यक्ति को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना शुरू कर सकते हैं। कई कंपनी ने अपने कर्मचारी के लिए फॉर्म 16 जारी नहीं किया है। आईटीआर फाइल करते समय फॉर्म 16 एक जरूरी दस्तावेज होता है। इसमें आपके टैक्स कटौती से जुड़ी जानकारी होती है। इसमें टीडीएस या टीसीएस की भी जानकारी दी हुई होती है। इसमें भत्तों और कटौतियों के साथ इनकम के रूप में अर्जित आय के बारे में भी बताया जाता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि  फॉर्म 16 को आईटीआर फाइल करने के लिए अच्छा शुरुआती बिंदु होता है।

फॉर्म-16 के भाग

आपको फॉर्म 16 में दो भाग मिलेगा। इसको भाग ए और भाग भी कहा जाता है। भाग ए में आपके इनकम और महीने कटने वाले टैक्स की जानकारी दी होती है। ये जानकारी कंपनी के द्वारा दी जाती है। फॉर्म-16 के भाग बी में कंपनी द्वारा भुगतान किए गए वेतन के साथ-साथ कोई और इनकम सोर्स और उस पर काटे गए टैक्स की जानकारी दी जाती है।

आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसमें कोई गलत जानकारी नहीं होनी चाहिए। आईटीआर फाइल करते समय इसका ध्यान रखें कि कोई जानकारी बे-मेल ना हो।  

फॉर्म-16 में क्या चेक करें?

  • आपको सबसे पहले फॉर्म-16 में ये चेक करना चाहिए कि फॉर्म में मौजूद टैन और पैन नंबर सही होनी चाहिए।
  • आप ये चेक करें कि आपकी सैलरी स्लिप पर जो सैलरी पर टैक्स कटौती की जानकारी दी गई है वो फॉर्म में दी गई जानकारी से सही है या नहीं।
  • आपको ये भी चेक करना चाहिए कि मकान किराया भत्ता (HRA) और मानक कटौती जैसे कई चीजों की जानकारी फॉर्म-16 पर दी गई है या नहीं।
  • अगर आपने नई टैक्स रिजीम को चुना है तो आपको जीवन बीमा प्रीमियम,भविष्य निधि,स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम आदि में आपको कोई टैक्स कटौती नहीं दी जाएगी।
  • फॉर्म-16 में नई टैक्स ऑप्शन में से कौन-सा सिलेक्ट किया है इसके बारे में उल्लेख होना चाहिए।

एक से ज्यादा फॉर्म-16 है

अगर टैक्सपेयर्स के पास एक से ज्यादा फॉर्म-16 है तो उसे अपनी सभी इनकम की जानकारी देनी होती है। इसके बाद ही लागू स्लैब दर के हिसाब से टैक्स की कैलकुलेशन होती है। 

 


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