ITR Filing: ऑनलाइन भर सकते हैं अपना आईटीआर, ये है स्टेप-बाय-स्टेप पूरा प्रॉसेस
ITR Form Online इनकम टैक्स विभाग ने लोगों की सुविधा के लिए आईटीआर फॉर्म 1और 4 को ऑनलाइन रिलीज कर दिया है। आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं...
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Wed, 24 May 2023 10:42 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Income Tax Return Filing: इनकम टैक्स फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है। ऐसे में आयकर विभाग ने टैक्सपेयरों को सुविधा देने के लिए आईटीआर के 1और4 फॉर्म को ऑनलाइन भी जारी कर दिया है। विभाग ने 25 अप्रैल से इन दोनों को ऑफलाइन जारी किया था।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिफिकेशन के अनुसार कारोबारी साल 2023-24 के लिए आईटीआर-1 और आईटीआर-4 यानी दोनों फॉर्म ऑफलाइन मौजूद हैं। आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर इन दोनों फॉर्म को प्री-फील्ड डाटा के साथ डाउनलोड किया जा सकता है। ऑनलाइन फॉर्म में आपको इनकम (फॉर्म-16), सेविंग अकाउंट से होने वाले इंटरेस्ट, फिक्स्ड डिपॉजिट आदि जानकारी पहले से भरी हुई मिलेगी।
आईटीआर फॉर्म-1 कौन भर सकता है?
आईटीआर फॉर्म-1 उन टैक्सपेयरों के लिए होता है, जिनकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा होती है। इसके साथ ही उनके इनकम का सोर्स कैपिटल गेन या फिर बिजनेस इनकम नहीं होता है। जिनकी इनकम सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी या फिर किसी और सोर्स से आती है, वो टैक्सपेयर आईटीआर फॉर्म-1 को फाइल कर सकते हैं।आईटीआर फॉर्म-4 को कौन फाइल कर सकता है?
आईटीआर फॉर्म-4 उन टैक्सपेयर्स के लिए होता है, जिनकी इनकम उनके बिजनेस से आती है। ये टैक्स उनके इनकम के आधार पर लगाया जाता है। ये टैक्सपेयर आईटीआर फॉर्म-4 को फाइल करके रिटर्न के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन और ऑफलाइन फॉर्म में क्या अंतर है?
ऑनलाइन फॉर्म, ऑफलाइन फॉर्म से अलग है। इन दोनों के प्रॉसेस में काफी अंतर देखने को मिलता है।ऑफलाइन फॉर्म में टैक्सपेयर को पहले फॉर्म डाउनलोड करना होता है। उसके बाद आवश्यक जानकारी के साथ उसे फॉर्म को भरना होता है। फिर टैक्सपेयर उस फॉर्म को ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड करता है।
ऑनलाइन फॉर्म में टैक्सपेयर पोर्टल पर अपलोडेड डाटा को क्रॉस चेक करता है। अगर कोई डाटा गलत होता है तो टैक्सपेयर उसे आसानी से एडिट कर सकता है। इसके साथ ही, ऑनलाइन फॉर्म में टैक्सपेयर को वार्षिक सूचना स्टेटमेंट (AIS) और फॉर्म 26 AS को दोबारा चेक करना जरूरी होता है।