आसमान पर पहुंचने वाली है गहनों की डिमांड, क्या कीमतों पर भी दिखेगा असर?
भारत में सोने की गहनों की डिमांड काफी तेजी से बढ़ रही है। सीमा शुल्क में भारी कटौती और त्योहारी मांग के चलते अगस्त में सोने का आयात दोगुना से अधिक 10.06 अरब डॉलर के रिकार्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया है। फेस्टिव और शादियों के सीजन के दौरान गहनों की डिमांड में और तेजी आने की उम्मीद है। इसका असर सोने की कीमतों पर भी दिख सकता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। देश के आभूषण बाजार में खरीदारी रुझान में बदलाव देखने को मिल रहा है। ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने ताजा रिपोर्ट में कहा है कि कैलेंडर वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में स्वर्ण आभूषणों की मांग में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। इसमें आगामी त्योहारी सीजन का प्रमुख योगदान रहेगा। रिपोर्ट के अनुसार, पहली तिमाही में अमीरों ने स्वर्ण आभूषणों की खरीदारी की। वहीं, दूसरी तिमाही में कम कीमत वाले आभूषणों की बिक्री में वृद्धि देखी गई।
आभूषणों की बिक्री में अर्ध-शहरी और ग्रामीण बाजार भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा विक्रेता ग्राहकों की मांग में अपेक्षित वृद्धि को पूरा करने के लिए अपने स्टोर नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आभूषणों की बिक्री में सुधार का प्रमुख संकेतक सोने का आयात है और अगस्त में इसके आयात में मजबूत सुधार दिखा है।
सोने का आयात दोगुना से अधिक हुआ
सीमा शुल्क में भारी कटौती और त्योहारी मांग के चलते अगस्त में सोने का आयात दोगुना से अधिक 10.06 अरब डॉलर के रिकार्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया। पिछले साल की समान अवधि में सोने का आयात 4.93 अरब डॉलर रहा था। सोने के आयात का देश के चालू खाता घाटे पर असर पड़ता है। अप्रैल से जुलाई के दौरान सोने का आयात 4.23 प्रतिशत घटकर 12.64 अरब डॉलर हो गया। पिछले वित्त वर्ष में सोने का आयात 30 प्रतिशत बढ़कर 45.54 अरब डॉलर रहा था।
स्विटजरलैंड से सबसे ज्यादा आयात
स्विटजरलैंड से सोने का सबसे ज्यादा आयात होता है और उसकी हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात से 16 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका की आयात में हिस्सेदारी लगभग 10 प्रतिशत है। देश के कुल आयात में सोने की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से अधिक है। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है। आयात मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करता है। बजट में सरकार ने आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत कर दिया था।(एजेंसी इनपुट के साथ)यह भी पढ़ें : रईस हो रहा भारत, सालाना 10 करोड़ से ज्यादा कमाने वालों की संख्या 63 फीसदी बढ़ी