Independence Day 2023: महिलाएं कैसे पा सकती हैं वित्तीय स्वतंत्रता, Sebi और Mutual Fund क्या कर रहा है मदद
देश की आजादी जितनी महत्वपूर्ण है उतनी ही महत्वपूर्ण प्रत्येक व्यक्ति की आर्थिक आजादी भी है। जब निवेश की बात आती है तो महिलाओं और पुरुषों के बीच बड़ा अंतर होता है। निवेश शुरू करने के लिए आपको वित्तीय विशेषज्ञ होने की आवश्यकता नहीं है लेकिन हां बुनियादी वित्तीय शिक्षा के साथ महिलाएं अपने वित्त पर नियंत्रण रख सकती हैं।
By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Tue, 15 Aug 2023 05:18 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: देश की स्वतंत्रता जितनी जरूरी है, उतनी ही जरूरी हर व्यक्ति के लिए वित्तीय स्वतंत्रता भी है। जब निवेश की बात आती है तो महिलाओं और पुरुषों के बीच एक बड़ा अंतर रहता है। निवेश शुरू करने के लिए किसी को वित्तीय विशेषज्ञ होना जरूरी नहीं है, लेकिन हां बुनियादी वित्तीय शिक्षा से महिलाएं अपने वित्त पर नियंत्रण रख सकती है।
आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि कैसे महिलाओं को अपने फंड पर नियंत्रण करके और वास्तविक वित्तीय सलाह लेकर अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित रखने को प्राथमिकता देनी चाहिए। चलिए समझते हैं।
वित्तीय शिक्षा महिलाओं को अपने वित्त पर नियंत्रण रखने के लिए कैसे सशक्त बना सकती है?
आम निवेशक के लिए निवेश की मूल बातें समझने के लिए वित्तीय शिक्षा अनिवार्य है। सेबी के निवेशक जागरूकता कार्यक्रमों के कारण वित्तीय जागरूकता और शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में मदद मिली है।निवेशक की शिक्षा के मामले में भी म्यूचुअल फंड भी निवेशकों को बहुत कुछ सीखा रहा है। महिलाएं जितना अधिक सीखती हैं, उतना अधिक उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। अगर निवेश का अच्छा ज्ञान होगा तभी सही सवाल पूछ पाएंगे और बेहतर समझ पाएंगे कि आपका वित्तीय सलाहकार क्या कर रहा है।
म्यूचुअल फंड निवेशकों को शिक्षित करने के लिए क्या कदम उठा सकता है?
सेबी ने म्यूचुअल फंड हाउसों (एमएफएच) को अपने राजस्व का 1 प्रतिशत वित्तीय और निवेश शिक्षा पर खर्च करने का आदेश दिया है, जिससे म्यूचुअल फंड हाउसों द्वारा किए गए प्रयासों के स्तर में सुधार हुआ है।भारत अब वित्तीय और निवेशक शिक्षा के मामले में पश्चिम से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। आज, प्रत्येक एमएफएच के पास अपनी वित्तीय शिक्षा पहल का प्रबंधन करने के लिए या तो एक विशेषज्ञ या एक टीम है।