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भारत फिर बना चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार, इस देश को छोड़ा पीछे

भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण अब बढ़कर 5.21 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। वहीं हांगकांग के शेयर बाजार का पूंजीकरण घटकर 5.17 ट्रिलियन डॉलर रह गया है। इसी वर्ष जनवरी में भी भारत ने बाजार पूंजीकरण के लिहाज से हांगकांग को पछाड़कर दुनिया में चौथा स्थान हासिल किया था। लेकिन हांगकांग ने बाद में अपनी जगह वापस हथिया ली थी।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 15 Jun 2024 07:49 PM (IST)
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जनवरी में भी भारत ने हांगकांग को पछाड़कर दुनिया में चौथा स्थान हासिल किया था।
आईएएनएस, नई दिल्ली। केंद्र में नई सरकार बनने के बाद भारतीय शेयर बाजार लगभग हर दिन उच्च स्तर का नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। इसके साथ ही भारत ने बाजार पूंजीकरण के मामले में हांगकांग को एक बार फिर पछाड़ दिया है और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार बन गया है।

भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण अब बढ़कर 5.21 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। वहीं, हांगकांग के शेयर बाजार का पूंजीकरण घटकर 5.17 ट्रिलियन डॉलर रह गया है। इसी वर्ष जनवरी में भी भारत ने बाजार पूंजीकरण के लिहाज से हांगकांग को पछाड़कर दुनिया में चौथा स्थान हासिल किया था।

सबसे ज्यादा पूंजीकरण वाले देश

देश पूंजीकरण
अमेरिका  56.49 ट्रिलियन डॉलर
चीन  8.84 ट्रिलियन डॉलर
जापान  6.30 ट्रिलियन डॉलर
भारत  5.21 ट्रिलियन डॉलर
हांगकांग 5.17 ट्रिलियन डॉलर

इस वजह से बढ़ा पूंजीकरण

बाजार विश्लेषकों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों के दौरान भारत के शेयर बाजारों में तेज बढ़ोतरी रही है। जिससे बीएसई का पूंजीकरण भी बढ़ा है। अब भारतीय बाजार विदेशी निवेशकों को भी आकर्षित कर रहे हैं और आने वाले समय में विदेशी निवेश में तेजी आ सकती है। नेशनल स्टाक एक्सचेंज यानी एनएसई का निफ्टी पिछले एक महीने में करीब छह प्रतिशत और पिछले छह महीनों में 11.84 प्रतिशत बढ़ा है।

विश्लेषकों के अनुसार, अगले 12 महीनों में निफ्टी के 25,800 के स्तर के करीब पहुंचने की उम्मीद है। बीते सप्ताह बीएसई स्मालकैप में पांच प्रतिशत और मिडकैप में 4.4 प्रतिशत की तेजी रही है।

इंफ्रा पर जारी रहेगा खर्च

स्टॉक ब्रोकर फर्म प्रभुदास लीलाधर के विशेषज्ञों का अनुमान है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पूंजीगत व्यय-संचालित विकास पर अपना ध्यान केंद्रित रखेगी। खासतौर पर प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई), सड़क, बंदरगाह, विमानन, रक्षा, रेलवे और नवीकरणीय ऊर्जा सहित इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास जैसे क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा।

आरबीआई की ओर से 2.1 लाख करोड़ रुपये का लाभांश मिलने से वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे में 20 आधार अंक की कमी आने की भी उम्मीद है। प्रभुदास लीलाधर के विशेषज्ञों का कहना है कि आटो, बैंक, कैपिटल गुड्स, रक्षा, हास्पिटल्स, फार्मा, सीमेंट और विमानन क्षेत्र के शेयरों के लिए परिदृश्य सकारात्मक है।

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