Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स के निर्माण की लागत अन्य देशों के मुकाबले 14-18 प्रतिशत अधिक

भारत में इलेक्ट्रानिक्स कंपोनेंट्स के निर्माण की लागत अन्य देशों के मुकाबले 14 से 18 प्रतिशत अधिक है। इलेक्ट्रानिक्स कंपोनेंट्स का कारोबार वैश्विक स्तर पर 1.8 ट्रिलियन डॉलर का है जबकि इसमें भारत की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से कम है। अभी भारत में इलेक्ट्रानिक्स उत्पादन 100 अरब डॉलर का है जबकि वैश्विक स्तर पर इसका कारोबार 4.3 ट्रिलियन डॉलर है।

By Jagran News Edited By: Subhash Gariya Updated: Thu, 18 Jul 2024 09:22 PM (IST)
Hero Image
इलेक्ट्रानिक्स कंपोनेंट्स का कारोबार वैश्विक स्तर पर 1.8 ट्रिलियन डॉलर का है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नीति आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स के उत्पादन को घरेलू स्तर पर बढ़ाने के लिए इंसेंटिव देने की सिफारिश की है। वहीं मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की डिजाइनिंग के प्रोत्साहन के लिए इनोवेशन स्कीम लाने तो उत्पादन क्षमता के बड़े पैमाने पर विस्तार के लिए 10 क्लस्टर विकसित करने को कहा है।

गुरुवार को नीति आयोग की तरफ से इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग के उत्पादन को वर्ष 2030 तक 500 अरब डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य को हासिल करने संबंधित रिपोर्ट जारी की गई। अभी भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 100 अरब डॉलर का है जबकि वैश्विक स्तर पर इसका कारोबार 4.3 ट्रिलियन डॉलर है।

1.8 ट्रिलियन डॉलर का ग्लोबल मार्केट

इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स का कारोबार वैश्विक स्तर पर 1.8 ट्रिलियन डॉलर का है जबकि इसमें भारत की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से कम है। वर्ष 2030 तक 350 अरब डालर का इलेक्ट्रॉनिक्स का फाइनल प्रोडक्ट्स तो 150 अरब डॉलर का कंपोनेंट्स निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।

कंपोनेंट्स का निर्माण घरेलू स्तर पर नहीं होने से मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद के निर्माण के लिए बड़े स्तर पर कंपोनेंट्स का आयात करना पड़ता है। यही वजह है कि मोबाइल फोन का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक होने के बावजूद इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम का हमारा आयात निर्यात से अधिक है।

यह भी पढ़ें: Budget 2024: ऑनलाइन गेमिंग, क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर को नीतिगत स्पष्टता का इंतजार

इंसेंटिव स्कीम लाने की जरूरत क्यों है?

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स के निर्माण की लागत अन्य देशों के मुकाबले 14-18 प्रतिशत अधिक है। ऐसे में कंपोनेंट्स बनाने वालों के लिए इंसेंटिव स्कीम लाने की जरूरत है। आयोग ने खास किस्म के इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स के निर्माण से जुड़ी यूनिट लगाने के लिए पूंजीगत मदद की भी सिफारिश की है। इस सेक्टर में भारत का मुकाबला चीन, वियतनाम, ताइवान, मलेशिया जैसे देशों से है।

यह भी पढ़ें: Budget Expectations 2024: हरित आवास के जरिए किफायती जीवनशैली को मिलेगा बढ़ावा, हो सकते हैं ये एलान