India As A Global Leader: विश्वगुरु बनने की तरफ बढ़ा भारत, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हम बने अन्नदाता
India Emerges as World Leader भारत की अर्थव्यवस्था विकास की गति में सबसे तेजी से चल रही है। ऐसे में यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि जल्द ही हमें विकसित देश की उपाधि मिल जाएगी। इस उपाधि को पाने में हम ने कड़ी मेहनत की है। जब दुनिया में सबकी नजर रूस और यूक्रेन के युद्ध पर था तब हमने लोगों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया।
By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Tue, 15 Aug 2023 08:10 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। हमने विश्वगुरु बनने के लिए अपना कदम बढ़ा दिया है। 2021 में रूस और यूक्रेन के युद्ध में हमने दोनों देशों की सहायता की है। आज भले ही दुनिया में कई देश आर्थिक मंदी का सामना कर रहे हैं। वहीं, हमें इस तरह की मंदी का सामना नहीं करना होगा। आज हम ने कई मामलों में चीन को पीछे छोड़ दिया है। हम आर्थिक रूप से बढ़त हासिल कर रहे हैं। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि जल्द ही हम चीन को भी पीछे छोड़ देंगे।
भारत को विश्वगुरु बनने यानी कि दुनिया में एक महान सुधारक और शिक्षक बनने में कार्यरत कर रहा है। हम जैसे ही विश्वगुरु बनता है तो हम सभी गौरवान्वित महसूस करेंगे। आज भी हम उन दिनों को याद करते हैं जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। आज ऑटो सेक्टर की बात करें या फिर टेक सेक्टर हर सेक्टर में हमारा अपना जलवा है। आज खुद के विकास के साथ दुनिया पर अपनी छाप छोड़ने के लिए हम कई तरह से काम कर रहा है। आइए, जानते हैं कि विश्वगुरु बनने के लिए हम क्या काम कर रहे हैं?
रूस और यूक्रेन युद्ध
2021 के दिसंबर से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की स्थिति शुरू हो गई थी। साल 2022 के शुरुआत में पूरी दुनिया की नजर इन दोनों देशों पर थी। यह वो वक्त था जब इंटरनेशनल मार्केट सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया था। इस समय मार्केट ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।रूस और यूक्रेन के युद्ध ने दुनिया में भुखमरी के हालात पैदा कर दिये थे। आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन दोनों देशों को फूड बास्केट की उपाधि दी जाती है। यह पूरी दुनिया में एक-तिहाई गेहूं का उत्पादन करता है। इसके अलावा यह सनफ्लावर ऑयल का 55 फीसदी और मक्का और जौ का 15 फीसदी का उत्पादन करता है।
जब इन दोनों देशों में युद्ध होने शुरू हो गए थे तो पूरी दुनिया में फूड सप्लाई चेन काफी प्रभावित हुई थी। इसी के साथ कई देशों में सामान की कीमतों ने भी आसमान छू लिया था। ऐसे में हमने केवल इन दोनों देशों का ही नहीं अपितु पूरी दुनिया की मदद के लिए आगे बढ़ कर आये थे।