FY24 में भारत ने केवल 44.4 अरब डालर का FDI किया आकर्षित, रणनीतिक सुधारों की आवश्यकता- GTRI
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने फोर-स्टेज योजना का सुझाव देते हुए कहा कि भारत को विदेशी निवेशकों के लिए एक अग्रणी विकल्प के तौर पर खुद को स्थापित करना चाहिए। भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 44.4 अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(FDI) आकर्षित किया जो उसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का केवल 1.1 प्रतिशत है। भारत में ऋण दरें भी ज्यादा है।
एजेंसी, नई दिल्ली। आर्थिक शोध संस्थान GTRI ने कहा है कि वैश्विक निवेशकों को भारत की ओर अधिक आकर्षित करने के लिए रणनीतिक सुधारों की जरूरत है। उसका कहना है कि प्रचुर संभावनाएं होने के बावजूद FDI आंकड़े दर्शाते हैं कि देश ने अपने अवसरों का पूरी तरह से लाभ नहीं उठाया है।
FDI बढ़ाने की जरूरत
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने फोर-स्टेज योजना का सुझाव देते हुए कहा कि भारत को विदेशी निवेशकों के लिए एक अग्रणी विकल्प के तौर पर खुद को स्थापित करना चाहिए। GTRI ने कहा कि सरकार को देश में आने वाली कंपनियों के लिए लागत संबंधी नुकसान को कम करना, समूचे कारोबारी चक्र में व्यापार सुगमता में सुधार करना और निवेश प्रस्तावों के मूल्यांकन के लिए एक रूपरेखा स्थापित करनी चाहिए।
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क्या कहते हैं आंकड़े?
भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 44.4 अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(FDI) आकर्षित किया, जो उसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का केवल 1.1 प्रतिशत है। आर्थिक शोध संस्थान ने कहा कि विश्व विकास रिपोर्ट 2023 में उल्लेख है कि देश चीन (189.1 अरब डालर), ब्राजील (86.1 अरब डालर), आस्ट्रेलिया (61.6 अरब डालर) और कनाडा (52.6 अरब डालर) जैसे देशों से काफी पीछे है।
GTRI ने सुझाव दिया कि भारत को चीन से स्थानांतरित होने वाले या वैकल्पिक उत्पादन स्थानों पर विचार करने वाले व्यवसायों को आकर्षित करने के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी लागत संरचना की पेशकश करनी चाहिए। इसके लिए भारत को चार लागत-संबंधी घटकों श्रम, दर सामग्री, ऊर्जा और वित्तीय लागत पर ध्यान देने की जरूरत है।
सस्ता लोन देने की जरूरत
भारत में वित्तीय लागत सबसे अधिक है। यहां ऋण दरें करीब 9 से 10 प्रतिशत हैं, जबकि चीन में ब्याज दरें 4 से 5 प्रतिशत के आसपास हैं। वियतनाम में दरें करीब 7 से 8 प्रतिशत हैं। GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार को इन लागतों पर ध्यान देने तथा सबसे अधिक लागत प्रभावी विकल्प बनने का प्रयास करने की जरूरत है।
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