नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ईरान से ज्यादा तेल आयात कर अरबों डॉलर बचाने की पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली की मंशा पूरी होती नहीं दिख रही है। मोइली के दबाव के बावजूद सरकारी तेल कंपनियां ईरान से ज्यादा तेल खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहीं। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से ईरान से आयातित तेल के लिए बीमा का प्रबंध करने में काफी पर
By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ईरान से ज्यादा तेल आयात कर अरबों डॉलर बचाने की पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली की मंशा पूरी होती नहीं दिख रही है। मोइली के दबाव के बावजूद सरकारी तेल कंपनियां ईरान से ज्यादा तेल खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहीं। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से ईरान से आयातित तेल के लिए बीमा का प्रबंध करने में काफी परेशानी हो रही है। इसके अलावा ईरानी तेल कंपनियों को भुगतान की दिक्कतें भी बनी हुई हैं।
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डीजल को पेट्रोल की कीमत के करीब पहुंचाने की तैयारी पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईरान से ज्यादा तेल आयात करने के बजाय चालू साल में उससे पिछले वर्ष के मुकाबले कम तेल मिलने के आसार हैं। जनवरी-सितंबर, 2013 में भारत ने ईरान से पिछले वर्ष के मुकाबले 40 फीसद कम तेल खरीदा है। अभी सिर्फ मंगलोर रिफाइनरी ईरान से तेल खरीद रही है। सितंबर, 2013 में ईरान से ज्यादा तेल खरीदा गया है, लेकिन अभी कोई भी विदेशी बीमा कंपनी वहां से आने वाले जहाज का कवरेज देने को तैयार नहीं है। बीमा कवरेज न होने से ही कच्चे तेल की ढुलाई करने वाली कंपनियां ईरान के साथ तेल कारोबार करने को तैयार नहीं हैं। भारत ने वर्ष 2012-13 में ईरान से 1.3 करोड़ टन कच्चा तेल खरीदा था। चालू वित्ता वर्ष के दौरान इसे घटाकर 1.1 करोड़ टन करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन जानकार बता रहे हैं कि अगर हालात में सुधार नहीं हुआ तो कुल आयात 70 से 80 लाख टन के करीब सिमट जाएगा। पांच वर्ष पहले तक भारत ईरान से 2.2 करोड़ टन तेल खरीदता था। ईरान से तेल आयात का मामला सीधे तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है। हाल ही में मोइली ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था कि ईरान से ज्यादा तेल आयात कर हम तेल आयात बिल में 8.5 अरब डॉलर की बचत कर सकते हैं। दरअसल, ईरान भारत से रुपये में भी भुगतान स्वीकार कर लेता है। इसलिए विदेशी मुद्रा डॉलर की बचत होती है। बहरहाल, अब मामला बिगड़ता दिख रहा है।