2023 में Data Center उद्योग को लग सकते हैं पंख, बढ़ते डिजिटाइजेशन का मिल रहा पूरा फायदा
Data Center का उद्योग में आने वाले समय में बड़ी बढ़त देखने को मिल सकती है। 2024 में तक की डाटा सेंटर क्षमता दोगुनी हो सकती है। 5G रोलआउट व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून और निवेश बढ़ने के प्रभाव से इसमें बढ़त होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत में इंटरनेट यूज करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसका फायदा देश की इंटरनेट इंडस्ट्री को भी बड़े स्तर पर हो रहा है। इससे देश के डाटा सेंटर सेगमेंट में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
रियल एस्टेट एडवाजरी फर्म जेएलएल ने कहा है कि 2024 के अंत कर देश के डाटा सेंटर की क्षमता 681 मेगावॉट तक बढ़कर 1,318 मेगावॉट हो जाएगी। इसके लिए 7.8 मिलियन स्क्वायर फीट रियल एस्टेट स्पेस की आवश्यकता होगी। इसके साथ कंपनी का कहना है कि देश में तेजी से बढ़ते डिजिटाइजेशन और सरकारी की नीतियों में बदलाव के कारण डाटा सेंटर की संख्या में बढ़त होगी।
जेएलएल ने आगे कहा कि सबमरीन केबल कनेक्टिविटी, बिजली की उपलब्धता और एक बड़े उपयोगकर्ता बाजार के कारण आपूर्ति ज्यादातर मुंबई में केंद्रित है। वर्ष 2022 समाप्त होने के साथ, आपूर्ति 2021 के स्तर से अधिक होने की उम्मीद है।
जेएलएल के डाटा सेंटर एडवाइजरी के प्रमुख, रचित मोहन का कहना है कि नई आपूर्ति 57 प्रतिशत मुंबई में और उसके बाद चेन्नई में 25 प्रतिशत होने की उम्मीद है। लागत बचाने के लिए बढ़ते डिजिटाइजेशन और अनिश्चितता के समय में संगठनों को लचीला बनाने के कारण देश में डाटा सेंटर में बढ़ने का प्रमुख कारण हो सकते हैं।
5G से भी होगा फायदा
5G रोलआउट, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून और निवेश बढ़ने के प्रभाव से भारतीय डेटा केंद्रों के मल्टी-ईयर ग्रोथ मिलने की उम्मीद है। वहीं, क्लाउड डिजिटल सर्विस में दोहरे अंकों में ग्रोथ हो रही है। इससे भी डाटा सेंटर की मांग बढ़ने की उम्मीद है।