भारत का आर्थिक प्रदर्शन अच्छा, इसे कायम रखने के लिए प्रयास जरूरी: संजीव सान्याल
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा बाहरी माहौल को लेकर चिंताएं हैं जो दूर नहीं हुई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ऊंची खाद्य कीमतें काफी हद तक उत्पादन संबंधी समस्या नहीं है बल्कि वास्तव में भंडारण की दिक्कत है। उनका यह मानना है कि वर्तमान में भारत की आर्थिक वृद्धि का प्रदर्शन अच्छा है।
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी -पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने गुरुवार को कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि का प्रदर्शन 'अच्छा' है और इसे बरकरार रखने के लिए कुछ प्रयासों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि बाहरी माहौल को लेकर चिंताएं पूरी तरह दूर नहीं हुई हैं और इसलिए वृद्धि को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।
सान्याल ने आगे कहा कि यदि मौसम की स्थिति और मानसून अनुकूल रहा तो उम्मीद है कि खाद्य कीमतों में भी नरमी आएगी। यह ऐसी स्थितियां तैयार करेगा जो सात प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि गति के लिए काफी अनुकूल होंगी, जिससे कुछ हद तक अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों से भी आगे बढ़ा जा सकेगा।
हमारी आर्थिक वृद्धि बेहतर
एक साक्षात्कार में सान्याल ने कहा, 'हमारी वर्तमान आर्थिक वृद्धि काफी अच्छी है और इसे बनाए रखना होगा।' वर्ष 2023 के अंतिम तीन महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर 8.4 प्रतिशत बढ़ी जो डेढ़ साल में सबसे तेज गति है। अक्टूबर-दिसंबर में वृद्धि दर पिछले तीन वर्षों में 7.6 प्रतिशत से अधिक रही और इससे पिछले वित्त वर्ष (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) के अनुमान को 7.6 प्रतिशत तक ले जाने में मदद मिली।निर्यात काफी कमजोर
आरबीआइ ने वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा, 'हालांकि हम अपनी अर्थव्यवस्था में घरेलू वृद्धि की गति को लेकर बहुत आश्वस्त हैं, लेकिन निश्चित रूप से बाहरी माहौल को लेकर चिंताएं हैं जो पूरी तरह से दूर नहीं हुई हैं।'यह भी पढ़ें: एशिया प्रशांत में सबसे तेज रहेगी भारतीय इकोनॉमी की रफ्तार, एडीबी की रिपोर्ट बड़ी बातें
सान्याल ने बताया कि निर्यात काफी कमजोर बना हुआ है और वैश्विक निर्यात में अभी कोई गति नहीं दिख रही है। ऊंची खाद्य कीमतों के दीर्घकालिक समाधान के बारे में पूछे जाने पर सान्याल ने कहा कि ऊंची खाद्य कीमतें काफी हद तक उत्पादन संबंधी समस्या नहीं है, बल्कि वास्तव में भंडारण की समस्या है।यह भी पढ़ें : वाणिज्य मंत्रालय ने जारी किये भारत-चीन Export Data, 2023 में सबसे ज्यादा ये हुआ निर्यात