Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

India Economy: भारतीय अर्थव्यवस्था में जारी रहेगी तेजी, एसएंडपी ने कहा - आने वाले वर्षों में और बढ़ेगी रफ्तार

India Economy अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि ये आने वाले वर्षों में यानी 2024-25 और 2025-26 में 6.9 प्रतिशत तक रह सकती है। एसएंडपी ने आगे बताया कि भारत में खपत और पूंजीगत व्यय दोनों की मजबूत रहेंगे। ( फोटो - जागरण फाइल)

By AgencyEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Mon, 25 Sep 2023 02:07 PM (IST)
Hero Image
India Economy: भारतीय अर्थव्यवस्था में जारी रहेगी तेजी, एसएंडपी ने कहा - आने वाले वर्षों में और बढ़ेगी रफ्तार

नई दिल्ली, एजेंसी। वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी की ओर से सोमवार को भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि दर के अनुमान को वैश्विक अर्थव्यवस्था का धीमापन, सामान्य से कम मानसून और ब्याज दरों में बढ़ोतरी में देरी का हवाला देते हुए 6 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है।

महंगाई दर के अनुमान को बढ़ाया

अमेरिकी रेटिंग एजेंसी की ओर से कहा गया कि सब्जियों की कीमतें बढ़ने के कारण महंगाई अल्पकाल के लिए है। हालांकि, रिटेल महंगाई दर के अनुमान को 5.00 प्रतिशत से बढ़कर 5.50 प्रतिशत कर दिया गया है।

ये भी पढ़ें- खुल गया JSW Infrastructure का IPO, प्राइस बैंड से लेकर लॉट साइज तक जानें इस आईपीओ की 10 प्रमुख बातें

S&P ने जारी की रिपोर्ट

एसएंडपी की ओर से इकोनॉमिक आउटलुक फॉर एशिया पैसिफिक Q4 2023 में कहा गया है कि 2022 के मुकाबले इस वर्ष ग्रोथ कमजोर है, लेकिन हमारा आउटलुक अभी भी अनुकूल बना हुआ है। जून तिमाही में भारत की विकास दर सकारात्मक और मजबूत बनी रही है। हालांकि, सामान्य से कम मानसून और वैश्विक अर्थव्यवस्था में धीमेपन का खतरा बना हुआ है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।

भारतीय अर्थव्यवस्था में जारी रहेगी तेजी

भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष में 6 प्रतिशत की तेजी से बढ़ेगी। वहीं, एसएंडपी की ओर से बताया गया कि 2024-25 और 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.9 प्रतिशत की दर से विकास करेगी।

ये भी पढ़ें-  Dollar Vs Rupee: हफ्ते के पहले दिन डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ रुपया, 16 पैसे की गिर कर खुला भारतीय करेंसी

खपत और पूंजीगत व्यय मजबूत

एसएंडपी ने आगे अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत में खपत और पूंजीगत व्यय दोनों जून तिमाही में मजबूत रहने वाले हैं। एशिया की रीजन में विकासशील और विकसित देश दोनों की अर्थव्यवस्था मजबूत रह सकती है। हालांकि, भारत की गति के आगे ये कम ही रहेगी। मौजूदा समय में भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है।