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Free Trade Agreement : चार यूरोपीय देशों से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के लिए तैयार भारत, इस दिन समझौते पर लगेगी मुहर

चार देशों के यूरोपीय समूह EFTA और भारत वस्तुओं सेवाओं और निवेश में परस्पर व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रविवार को एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करेंगे। दोनों समूह जनवरी 2008 से व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर बातचीत कर रहे हैं। ईएफटीए के कनाडा चिली चीन मैक्सिको और कोरिया सहित 40 भागीदार देशों के साथ 29 एफटीए हैं।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Sat, 09 Mar 2024 05:13 PM (IST)
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चार यूरोपीय देशों से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के लिए तैयार भारत, यहां जानें डिटेल

पीटीआई नई दिल्ली। भारत और चार देशों के यूरोपीय समूह 'EFTA' वस्तुओं, सेवाओं और निवेश में परस्पर व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रविवार को एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर करेंगे। यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के सदस्य आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नार्वे और स्विट्जरलैंड हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल से मिली मंजूरी

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस समझौते को सात मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल गई। ईएफटीए देश यूरोपीय संघ (ईयू) का हिस्सा नहीं हैं।

यह मुक्त व्यापार को बढ़ावा देने और तेज करने के लिए एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना उन देशों के लिए एक विकल्प के रूप में की गई थी, जो यूरोपीय समुदाय में शामिल नहीं होना चाहते थे।

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व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते

भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) पर बातचीत कर रहे हैं। समझौते में 14 अध्याय हैं।

इनमें वस्तुओं का व्यापार, उत्पत्ति के नियम, बौद्धिक संपदा अधिकार (आइपीआर), सेवाओं में व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल हैं।

40 देशों के साथ 29 FTA

ईएफटीए के कनाडा, चिली, चीन, मैक्सिको और कोरिया सहित 40 भागीदार देशों के साथ 29 एफटीए हैं। मुक्त व्यापार समझौते के तहत, दो व्यापारिक साझेदार सेवाओं और निवेश को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाएंगे।

इसके अलावा उनके बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को काफी कम या समाप्त कर देते हैं।

ईएफटीए देशों को भारत का निर्यात 2021-22 में 1.74 अरब डॉलर के मुकाबले 2022-23 के दौरान 1.92 अरब डॉलर रहा। वहीं पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल आयात 16.74 अरब डॉलर था, जबकि 2021-22 में यह 25.5 अरब डॉलर था।

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