स्विस घड़ियां, चॉकलेट और हीरे हो जाएंगे सस्ते, 1 अक्टूबर से लागू हो रही इंडिया-EFTA ट्रेड डील से किसे होगा फायदा?
1 अक्टूबर से भारत और EFTA (आइसलैंड लिकटेंस्टीन नॉर्वे स्विजरलैंड) के बीच फ्री ट्रेड डील शुरू हो रही है। इस डील से भारत को 15 साल में 100 अरब डॉलर का निवेश मिलेगा। स्विस घड़ियां चॉकलेट और हीरे जैसे प्रोडक्ट्स पर टैक्स कम या जीरो होगा। इससे ये सामान सस्ते मिलेंगे। अगले 10 साल में 50 अरब डॉलर और फिर 5 साल में बाकी 50 अरब का निवेश होगा।

नई दिल्ली| भारत और यूरोप के चार देशों के ग्रुप EFTA (आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विजरलैंड) के बीच फ्री ट्रेड डील 1 अक्टूबर से लागू हो रही है। इस डील के बाद भारत को अगले 15 साल में 100 अरब डॉलर का बड़ा निवेश मिलेगा।
इस समझौते की खास बात यह है कि स्विस घड़ियां, चॉकलेट और हीरे जैसे कई प्रोडक्ट्स पर टैक्स या तो काफी कम होगा या फिर बिल्कुल जीरो। इसका सीधा फायदा भारतीय ग्राहकों को मिलेगा। अब ये हाई क्वालिटी वाले प्रोडक्ट्स पहले से सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे।
10 लाख नई नौकरी पैदा होने का अनुमान
डील के तहत तय हुआ है कि अगले 10 साल में 50 अरब डॉलर का निवेश भारत में आएगा। बाकी 50 अरब डॉलर अगले 5 साल में आएगा। इससे देश में करीब 10 लाख नई नौकरियां बनने का अनुमान है। माना जा रहा है कि यह समझौता भारत की अर्थव्यवस्था को लंबे समय तक मजबूती देगा।
पिछले साल 10 मार्च को साइन हुई थी डील
यह डील 10 मार्च 2024 को साइन हुई थी। इसे ऑफिशियल नाम दिया गया है- ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (TEPA)। भारत ने पहली बार किसी देश या ब्लॉक के साथ ऐसा बड़ा एग्रीमेंट किया है।
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इसमें यह भी शर्त रखी गई है कि अगर तय निवेश किसी कारण से नहीं आता है, तो भारत टैक्स में दी गई छूट को दोबारा लागू कर सकता है या उसे रोक सकता है। कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने बताया कि TEPA 1 अक्टूबर से पूरी तरह लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समझौते से भारत को निवेश और रोजगार दोनों का फायदा होगा।
27 देशों के साथ बात कर रहा ईयू
EFTA ग्रुप यूरोपियन यूनियन का हिस्सा नहीं है। यह एक अलग संगठन है, जो फ्री ट्रेड को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। इसकी स्थापना उन देशों के लिए की गई थी जो यूरोपीय संघ से बाहर रहना चाहते थे, लेकिन आपस में व्यापार बढ़ाना चाहते थे।
भारत अब यूरोपियन यूनियन के 27 देशों के साथ भी अलग से एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत कर रहा है। अगर वह भी सफल हुआ तो भारतीय अर्थव्यवस्था को और बड़ा लाभ हो सकता है। इस डील के चलते आने वाले समय में भारत के मार्केट में विदेशी प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे और देश में निवेश व रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे।
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