Indian Economy: पहली तिमाही में विदेशी कर्ज 2.5 बिलियन डॉलर हुआ कम; अब रह गई है सिर्फ इतनी देनदारी
Indian Economy चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विदेशी कर्ज में 2.5 बिलियन डॉलर की कमी आई है। इसके साथ ही वित्त मंत्रालय ने इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए उधार लेने के लक्ष्य को भी घटा दिया है।
By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Thu, 29 Sep 2022 08:40 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आर्थिक मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर है। वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही (अप्रैल- जून) में देश का विदेशी कर्ज 2.5 बिलियन डॉलर घटकर 617 बिलियन डॉलर पर आ गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गुरुवार को ये जानकारी दी।
आरबीआई ने अनुसार, देश का विदेशी कर्ज और जीडीपी का अनुपात घटकर 19.4 प्रतिशत रह गया है, जो कि मार्च 2022 को 19.9 प्रतिशत पर था। आरबीआई की ओर से दिए गए बयान के अनुसार, जून 2022 तक भारत का विदेशी कर्ज घटकर 617 बिलियन डॉलर रहा गया है जो कि मार्च 2022 के स्तर से 2.5 बिलियन डॉलर कम है।
अमेरिकी डॉलर की कीमत बढ़ने से घटा कर्ज
भारत के कर्ज में गिरावट की प्रमुख वजह अमेरिकी डॉलर की कीमत में बढ़ोतरी होना है। इसके कारण दुनिया की अन्य मुद्राओं के मूल्य में काफी गिरावट आई है। आरबीआई ने बताया कि अगर इसमें वैल्यूएशन में हुई बढ़ोतरी को निकाल दिया जाए, तो देश का विदेशी कर्ज 11.9 बिलियन डॉलर बढ़ा है।
सरकार ने उधार लेने का लक्ष्य घटाया
केंद्र सरकार ने इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (अक्टूबर 2022- मार्च 2023) के लिए उधार लेने के लक्ष्य को 10,000 करोड़ रुपये से घटा दिया है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने अक्टूबर- मार्च के लिए उधार लेने के लक्ष्य को 5.92 लाख करोड़ रुपये पर रखा है। जिसमें उसके 16,000 करोड़ रुपये के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी करने को भी शामिल किया गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)ये भी पढ़ें-Small Saving Schemes Rate Hike: दिवाली से पहले एक और खुशखबरी, सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर बढ़ाई
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