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दौड़ी इकोनॉमी: अनुमान से ज्यादा तेज रही भारत की आर्थिक रफ्तार, कारोबार और निवेश को ऐसे होगा फायदा

केंद्र सरकार का प्रोविजनल एस्टिमेट कहता है कि पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी रही। इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी (Indian GDP) रही थी। दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियों को छोड़ भी दें तो वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ (Indian Economy) आरबीआई के अनुमान से भी 1.2 फीसदी अधिक है।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 31 May 2024 08:32 PM (IST)
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वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ आरबीआई के अनुमान से भी 1.2 फीसदी अधिक है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी यानी जनवरी मार्च तिमाही के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.8 प्रतिशत रही। कई रेटिंग एजेंसियां और आर्थिक जानकार अनुमान लगा रहे थे कि चौथी तिमाही में भारत की विकास दर 7 फीसदी या इससे भी कम रह सकती है। लेकिन, भारत ने अपनी तरक्की की रफ्तार (India growth) से उनके अनुमानों को गलत साबित कर दिया।

वहीं, केंद्र सरकार का प्रोविजनल एस्टिमेट कहता है कि पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ 8.2 फीसदी (GDP expansion) रही। इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रही थी। दुनियाभर की रेटिंग एजेंसियों को छोड़ भी दें, तो वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ आरबीआई के अनुमान से भी 1.2 फीसदी अधिक है।

एक्सपर्ट ने जीडीपी डेटा को सराहा

इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने जीडीपी डेटा की जमकर तारीफ की है। उनका कहना है कि जीडीपी ग्रोथ 8 फीसदी (GDP of India 2024) के मनोनैज्ञानिक स्तर के पार पहुंचने से कारोबारी और निवेश का माहौल बेहतर होगा।

पीडब्ल्यूसी इंडिया में इकोनॉमिक एडवाइजरी के पार्टनर और लीडर रानेन बनर्जी ने कहा, 'जीडीपी अनुमान उम्मीदों के मुताबिक हैं। पूरे वित्त वर्ष 23-24 के लिए 8.2 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान काफी अहम है। यह 8 प्रतिशत के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर है जिससे कारोबारी धारणा को बढ़ावा मिलना चाहिए।'

मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग सेक्टर ने किया कमाल

सांख्यिकी मंत्रालय का डेटा बताता है कि मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर के शानदार प्रदर्शन से जीडीपी ग्रोथ इतनी शानदार रही। ICRA में रिसर्च और आउटरीच की हेड अदिति नायर का कहना है कि मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया।

वहीं, PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसिडेंट संजीव अग्रवाल का कहना है, 'भारत की 8.2 फीसदी की ग्रोथ रेट से 'विकसित भारत' के लिए की जा रही कोशिशों की झलक मिलती है। इससे पता चलता है कि भूराजनीतिक संकट और तमाम वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था कितनी लचीली बनी हुई है।'

कृषि क्षेत्र में कमजोरी के बाद भी दमदार प्रदर्शन

कृषि क्षेत्र लंबे वक्त तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार रहा और अभी भी कई मायनों में है। लेकिन, वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। यह सिर्फ 0.6 फीसदी रही, जो एक साल पहले 7.6 फीसदी थी।

क्रिसिल लिमिटेड के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी ने कहा, 'चौथी तिमाही में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन काफी खराब रहा। हल्की सुस्ती के संकेत भी देखे गए। इसके बावजूद 8.2 फीसदी विकास दर का अनुमान शानदार है।'

क्या होता है ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्शन?

ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्शन (GDP) का मतलब होता है कि एक अवधि के भीतर किसी देश में कितने मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन होता है। GDP दो तरह की होती है, रियल और नॉमिनल। रियल GDP में वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य की गणना बेस ईयर के मूल्य या स्टेबल प्राइस पर होती है। किया जाता है। अभी GDP कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है।

वहीं नॉमिनल GDP की बात करें, तो इसमें कैलकुलेशन वस्तुओं और सेवाओं की मौजूदा कीमत पर किया जाता है।

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