India GDP growth: सारे अनुमान गलत, SBI ने कहा- भारत की जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों ने सबको चौंकाया
स्टेट बैंक ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट इकोरैप में कहा कि तीसरी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों ने ज्यादातर लोगों के अनुमानों को गलत साबित किया है जिनका मानना था कि भारत की आर्थिक तरक्की की रफ्तार 8 फीसदी से कम रह सकती है। इससे जाहिर होता है कि अगर नीतिगत नजरिया सही हो तो मुश्किलों को दूर करके तरक्की की रफ्तार तेज की जा सकती है।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने पिछले कुछ में अपनी आर्थिक तरक्की की रफ्तार को काफी तेज किया है। ऐसे में स्टेट बैंक (SBI) का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 फीसदी के करीब पहुंच सकती है। इससे एक दिन पहले सरकार ने दिसंबर तिमाही में 8.4 फीसदी ग्रोथ के आंकड़े जारी किए। साथ ही, अगली दो तिमाहियों के लिए ग्रोथ अनुमान को संशोधित करके उन्हें बढ़ाया भी है।
SBI ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट 'इकोरैप' में कहा, 'तीसरी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों ने ज्यादातर लोगों के अनुमानों को गलत साबित किया है, जिनका मानना था कि भारत की आर्थिक तरक्की की रफ्तार 8 फीसदी से कम रह सकती है। इस डेटा से कुछ लोगों को सुखद हैरानी भी हुई। इससे जाहिर होता है कि अगर नीतिगत नजरिया सही हो, तो मुश्किलों को दूर करके तरक्की की रफ्तार तेज की जा सकती है।'
स्टेट बैंक ने कहा कि सभी अनुमानों को धता बताते हुए भारत ने पिछली दो तिमाहियों में 8 प्रतिशत से अधिक की ग्रोथ की और 2023-24 की तीसरी तिमाही में इसे 8.4 प्रतिशत तक पहुंचा दिया। इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में सालाना आधार पर 32 फीसदी का भारी उछाल आया। वहीं, ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) और ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) ग्रोथ के बीच अंतर भी बढ़ गया।
SBI स्टडी के अनुसार, 'वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ 7.6 और जीवीए ग्रोथ 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। हमारा अनुमान है कि चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5.9 रहेगी। अब हमारा मानना है कि इसे कम करके आंका गया है। ऐसे में हम कह सकते हैं कि वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी ग्रोथ 8 फीसद के करीब रह सकती है।'
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने इस वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान को संशोधित करके क्रमशः 7.8 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत से 8.2 और 8.1 प्रतिशत कर दिया है। इन संशोधनों के साथ अप्रैल-दिसंबर के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट 8.2 प्रतिशत हो गई है।
SBI की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार सभी नागरिकों के लिए जीवन की गुणवत्ता बेहतर करने की कोशिश कर रही है। साथ ही, उसका इरादा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) की खामियों को दूर करना है। इसकी बदौलत पहली बार मौजूदा कीमतों पर प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद 2023-24 में 2 लाख रुपये को पार कर गया। स्थिर कीमतों में भी मौजूदा वित्त वर्ष में प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 1.24 लाख रुपये हो गई है।
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