जनवरी-जून 2024 तक रहा भारत का 151 देशों के साथ ट्रेड सरप्लस, सबसे ज्यादा अमेरिका से हुआ फायदा
जीटीआरआइ ने कहा-भारत को चीन और रूस सहित 75 देशों के साथ व्यापार घाटा का सामना करना पड़ा। भारत को कच्चे तेल और कोयले के आयात से होने वाले व्यापार घाटे के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं। सबसे अधिक 21 अरब डालर का ट्रेड सरप्लस अमेरिका के साथ था। दूसरे नंबर पर नीदरलैंड्स रहा जिसके साथ ट्रेड सरप्लस 11.6 अरब डालर था।
नई दिल्ली, पीटीआई। भारत का इस साल की पहली छमाही यानी जनवरी से जून, 2024 के दौरान अमेरिका और नीदरलैंड सहित 151 देशों के साथ व्यापार सरप्लस में था। व्यापार सरप्लस से आशय यह है कि इन देशों से होने वाले आयात के मुकाबले इन्हें किया जाने वाला निर्यात ज्यादा है। दूसरी ओर देश को चीन और रूस सहित 75 देशों के साथ व्यापार घाटा का सामना करना पड़ा।
कच्चे तेल और कोयले के आयात को लेकर न करें चिंता
आर्थिक थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि भारत को कच्चे तेल और कोयले के आयात से होने वाले व्यापार घाटे के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा उसने यह भी कहा है कि देश को औद्योगिक वस्तुओं के आयात को कम करने पर ध्यान देना चाहिए। यह खासकर चीन जैसे देशों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे भारत की आर्थिक संप्रभुता को खतरा पहुंच सकता है।
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सबसे ज्यादा अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस
GTRI की रिपोर्ट के मुताबिक, 'जनवरी से जून 2024 के बीच भारत का जिन 151 देशों के साथ ट्रेड सरप्लस था, उसमें निर्यात 55.8 प्रतिशत और आयात 16.5 प्रतिशत था। सबसे अधिक 21 अरब डालर का ट्रेड सरप्लस अमेरिका के साथ था। दूसरे नंबर पर नीदरलैंड्स रहा, जिसके साथ ट्रेड सरप्लस 11.6 अरब डालर था।