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Infrastructure: आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि मार्च में बढ़कर 5.2 प्रतिशत हुई

देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) में आठ प्रमुख क्षेत्रों का योगदान 40.27 प्रतिशत है। आंकड़ों के मुताबिक रिफाइनरी उत्पादों और उर्वरक के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई। एक साल पहले इन क्षेत्रों में नकारात्मक वृद्धि के मुकाबले मार्च में कच्चे तेल सीमेंट और बिजली के उत्पादन में वृद्धि दर बढ़कर 2 प्रतिशत 10.6 प्रतिशत और 8 प्रतिशत हो गई।

By Agency Edited By: Yogesh Singh Updated: Tue, 30 Apr 2024 10:30 PM (IST)
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मार्च में भारत का बुनियादी ढांचा उत्पादन घटकर 5.2% पहुंचा
पीटीआई, नई दिल्ली। आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की वृद्धि मार्च में बढ़कर 5.2 प्रतिशत हो गई। हालांकि, इस साल फरवरी के मुकाबले विकास दर कम है। फरवरी में वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत थी। मार्च, 2023 में आठ प्रमुख क्षेत्रों (कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली) की वृद्धि 4.2 प्रतिशत थी।

अप्रैल, 2023 से मार्च, 2024 के बीच इन क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि दर धीमी होकर 7.5 प्रतिशत हो गई जो एक साल पहले की अवधि में 7.8 प्रतिशत थी। देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) में आठ प्रमुख क्षेत्रों का योगदान 40.27 प्रतिशत है।

आंकड़ों के मुताबिक, रिफाइनरी उत्पादों और उर्वरक के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई। एक साल पहले इन क्षेत्रों में नकारात्मक वृद्धि के मुकाबले मार्च में कच्चे तेल, सीमेंट और बिजली के उत्पादन में वृद्धि दर बढ़कर 2 प्रतिशत, 10.6 प्रतिशत और 8 प्रतिशत हो गई।

आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए, इक्रा लिमिटेड की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि बिजली उत्पादन ने मार्च 2024 में एक स्वस्थ विस्तार प्रदर्शित किया और अप्रैल 2024 में एक मजबूत गति बनाए रखी, बढ़ती गर्मी से कृषि और घरेलू मांग को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि मुख्य क्षेत्र द्वारा प्रदर्शित रुझान के समान मार्च 2024 में आईआईपी वृद्धि कुछ हद तक कम होने की संभावना है क्योंकि लीप वर्ष का प्रभाव कम हो जाएगा। हमारा अनुमान है कि मार्च 2024 में आईआईपी वृद्धि 3.5-5 प्रतिशत रहेगी।

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