बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी से भारत को हो रहा फायदा, मिल रहा डिजिटल पेमेंट का बेनिफिट
संयुक्त राष्ट्र की सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट फाइनेंसिंग फॉर डेवलपमेंट एट ए क्रॉसरोड रिपोर्ट में कहा गया है कि मल्टी नेशनल कंपनियां भारत में रूचि दिखा रही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर निवेश नरम रहने की उम्मीद है। इसके विपरीत दक्षिण एशिया विशेष रूप से भारत में निवेश मजबूत बना हुआ है। यही कारण है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों भारत में दिलचस्पी दिखा रही हैं।
पीटीआई, संयुक्त राष्ट्र। बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी से भारत को फायदा हो रहा है। ये कंपनियों भारत को विकसित अर्थव्यवस्थाओं की आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण रणनीतियों के संदर्भ में वैकल्पिक विनिर्माण आधार के रूप में देखती हैं।
मल्टी नेशनल कंपनियों की पसंद
यह इस बात को भी उजागर करती है कि देश में निवेश मजबूत बना हुआ है। यह बात संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख रिपोर्ट में कही गई है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट : फाइनेंसिंग फॉर डेवलपमेंट एट ए क्रॉसरोड में कहा गया है कि विकास वित्तपोषण अंतर को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर वित्तपोषण जुटाने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। यह सालाना 4.2 ट्रिलियन डॉलर है, जो कोविड महामारी से पहले 2.5 ट्रिलियन डालर था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर निवेश नरम रहने की उम्मीद है। इसके विपरीत दक्षिण एशिया विशेष रूप से भारत में निवेश मजबूत बना हुआ है। भारत को बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती रुचि से लाभ मिल रहा है।
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डिजिटल पेमेंट का मिल रहा फायदा
अधिकांश विकासशील देशों में संभावनाएं कमजोर हैं। धीमी वृद्धि के बीच ऋण का उच्च स्तर राजकोषीय स्थिति को बाधित कर रहा है, जिससे सरकारों के लिए उधार लेना और निवेश करना कठिन हो गया है।संघर्षों की वजह से अफ्रीका और पश्चिमी एशिया के कुछ हिस्सों में निवेश में बाधा आ रही है। इसके साथ ही भारत में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने का भी फायदा मिला है।
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