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PMI Data September: सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों की वृद्धि दर घटी, पीएमआई 57.5 पर रहा

PMI Data September सितंबर के महीने में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों की वृद्धि दर में गिरावट देखने को मिली है। इस कारण सितंबर में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई 57.5 पर रह गया है जो कि अगस्त में 58. 6 के स्तर पर रह गया है। पीएमआई में गिरावट आने की वजह नए ऑडर्स की संख्या में कमी आने को माना जा रहा है।

By AgencyEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 03 Oct 2023 12:06 PM (IST)
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सितंबर में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 5 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गतिविधियां सितंबर में पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है। इसके पीछे की वजह नए ऑर्डर्स का कम रफ्तार से बढ़ाना है, जिसके कारण प्रोडक्शन की वृद्धि दर प्रभावित हुई है।

एसएंडपी ग्लोबल इंडिया की ओर से जारी किए गए सितंबर के आंकड़ों में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 57.5 के स्तर पर फिसल गई है, जबकि ये अगस्त में 58.6 के स्तर पर थी।

27 महीने पीएमआई 50 से ऊपर

मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि की रफ्तार जरूर कम हुई है, लेकिन इसमें ग्रोथ अभी भी जारी है। पीएमआई 50 से ऊपर बना हुआ है। जब भी पीएमआई 50 से ऊपर बना रहता है यह दिखाता है कि मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में वृद्धि हो रही है।

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अर्थशास्त्र एसोसिएट निदेशक पोलियाना डी लीमा ने कहा किभारत के मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री ने सितंबर में मंदी के हल्के संकेत दिखाए हैं। इसके पीछे का कारण नए ऑडर्स की वृद्धि दर में कमी आना है, जिसने उत्पादन में वृद्धि को धीमा कर दिया है।

आगे उन्होंने कहा कि मांग और आपूर्ति में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। कंपनियों को एशिया, यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और मध्यपूर्व के ग्राहकों से नया व्यवसाय मिल रहा है।

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महंगाई में नरमी

सर्वे में कहा गया कि महंगाई में नरमी देखी गई है, जिसके कारण इनपुट मूल्य को कम रखने में मदद मिली है। इस कारण सप्लाई चेन को स्थिर रखने में मदद मिली है। हालांकि, अधिक लेबर कॉस्ट, बिजनेस में विश्वास और मांग अधिक होने के कारण उत्पादन लागत में इजाफा हुआ है।

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एसएंडपी ग्लोबल इंडिया की ओर से हर महीने मैन्युफैक्चरिंग डेटा जारी किया जाता है। एसएंडपी द्वारा ये डेटा 400 कंपनियों के पैनल से सवालों के आधार पर तैयार किया जाता है।