लाल सागर में Houthi विद्रोहियों के हमलों से बड़ा नुकसान, क्या पूरा हो पाएगा भारत का एक्सपोर्ट टारगेट?
लाल सागर में हाउती विद्रोहियों ने बड़े पैमाने पर व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया है। इससे ग्लोबल ट्रेड को बड़ा नुकसान पहुंचा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। लेकिन इस चुनौती के बावजूद मौजूदा वित्त वर्ष में भारत का वस्तु निर्यात 450 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। आइए जानते हैं कि हाउती हमलों से ग्लोबल ट्रेड को होने वाले नुकसान को कैसे कम किया जा सकता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले काफी समय से ग्लोबल ट्रेड कई चुनौतियों से जूझ रहा है। इसमें रूस-यूक्रेन युद्ध जैसा जियो-पॉलिटिकल संकट और लाल सागर में यमन के हाउती विद्रोहियों (Yemen's Houthis) का हमला शामिल है। लेकिन, इन मुश्किलों के बावजूद भारत का वस्तु निर्यात (merchandise exports) 450 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। यह कहना है निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के नवनियुक्त प्रेसिडेंट अश्विनी कुमार का।
समुद्री बीमा वक्त की जरूरत
फियो के नए प्रेसिडेंट का कहना है कि लाल सागर में हाउती विद्रोहियों के हमलों से ग्लोबल ट्रेड को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में समुद्री बीमा समय की मांग है, ताकि इस तरह के हमलों में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके। उन्होंने कहा कि माल ढुलाई शुल्क में भी तर्कसंगत इजाफा करना होगा, ताकि लाल सागर की चुनौतियों का समाधान होगा।
MSME सेक्टर को चाहिए मदद
माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) सेक्टर की देश की जीडीपी में हिस्सेदारी करीब 30 फीसदी है। यह बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा करता है। लेकिन, यह सेक्टर लंबे वक्त से आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है।फियो के प्रेसिडेंट अश्विनी कुमार ने कहा कि देश का निर्यात बढ़ाने के लिए रियायती कर्ज देकर MSME सेक्टर की मदद करनी होगी। साथ ही, प्रमोशन में MSME सेक्टर की मदद करनी होगी, ताकि वह दूसरे देशों का मुकाबला कर सकें। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन और ओमान जैसे देशों के साथ जल्द मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) से भी निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है MSME
अश्विनी कुमार ने कहा कि MSME सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन यह कर्ज समेत कई मुश्किलों से जूझ रहा है। मैं इससे जुड़ी समस्याओं को दूर करने पर ध्यान दूंगा, क्योंकि 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के वस्तु निर्यात के लक्ष्य तक पहुंचने में इनकी अहम भूमिका होगी।फियो के प्रेसिडेंट ने बैंकों से अपील की है कि वे आगे आकर MSME सेक्टर की मदद करें। उन्होंने कहा कि हमारा संगठन लैटिन अमेरिका और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में निर्यात के अवसरों की तलाश कर रहा है। वहीं, अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन सुधीर शेखरी ने कहा कि 2030 तक 40 अरब डॉलर के गारमेंट एक्सपोर्ट लक्ष्य को हासिल करने उत्पादन में बड़े पैमाने पर इजाफा करना होगा।यह भी पढ़ें : क्या स्पाइसजेट के CMD को मिलेगी दिवालिया एयरलाइन Go First, बोली बढ़ाने के बाद जगी उम्मीद