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निर्यात लक्ष्य से चूकी सरकार

आर्थिक विकास दर ही नहीं, केंद्र सरकार बीते वित्त वर्ष 2013-14 में निर्यात के लक्ष्य को भी नहीं छू पाई है। इस साल मार्च में निर्यात 3.15 फीसद कम हुआ। इसकी वजह से पूरे वित्त वर्ष में निर्यात करीब चार फीसद की वृद्धि दर ही दर्ज कर पाया। विदेश व्यापार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2013-14 में देश से 312.35 अर

By Edited By: Updated: Sat, 12 Apr 2014 09:34 AM (IST)
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जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आर्थिक विकास दर ही नहीं, केंद्र सरकार बीते वित्त वर्ष 2013-14 में निर्यात के लक्ष्य को भी नहीं छू पाई है। इस साल मार्च में निर्यात 3.15 फीसद कम हुआ। इसकी वजह से पूरे वित्त वर्ष में निर्यात करीब चार फीसद की वृद्धि दर ही दर्ज कर पाया।

विदेश व्यापार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक साल 2013-14 में देश से 312.35 अरब डॉलर का ही निर्यात हो पाया, जबकि सरकार ने 325 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा था। अलबत्ता सरकार को विदेश व्यापार के घाटे में भारी कमी ने राहत दी है। वर्ष 2012-13 के 190.33 अरब डॉलर के मुकाबले बीते वित्त वर्ष में व्यापार घाटा 138.59 अरब डॉलर का ही रहा। निर्यात में कमी के लिए निर्यात संगठनों में मैन्यूफैक्चरिंग की सुस्त रफ्तार को दोषी माना है।

फियो के अध्यक्ष रफीक अहमद ने कहा कि सरकार के राजस्व विभाग के पास निर्यातकों का 20,000 करोड़ रुपये का रिफंड रुका हुआ है। सरकार के इस रवैये ने निर्यात पर प्रतिकूल असर डाला है। ग्लोबल स्तर पर मांग में कमी ने निर्यात की हालत को और खराब कर दिया है। विदेश व्यापार घाटे में कमी के लिए सोने चांदी के आयात में भारी गिरावट ने अहम भूमिका निभाई है। पूर्व वर्ष के मुकाबले सोने-चांदी के आयात में 40 फीसद की कमी दर्ज की गई है। इस अवधि में केवल 33.46 अरब डॉलर की महंगी धातुओं का आयात हुआ। साल 2012-13 में 55.79 अरब डॉलर का सोना-चांदी आयात किया गया था।

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