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अगर भारत को 2047 तक विकसित देश बनना है तो..., RBI के पूर्व गर्वनर ने कह दी बड़ी बात

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा “मैं कहूंगा कि 7-8 फीसद के बीच की वृद्धि इसे विकसित अर्थव्यवस्था के करीब ले जाएगी क्योंकि विकसित अर्थव्यवस्था की परिभाषा के अनुसार प्रति व्यक्ति आय 13000 अमेरिकी डॉलर या अधिक होनी चाहिए। वर्तमान में भारत की प्रति व्यक्ति आय 2700 अमेरिकी डॉलर है। इसका मतलब है कि प्रति व्यक्ति आय पांच गुना बढ़नी होगी।”

By Agency Edited By: Praveen Prasad Singh Updated: Tue, 13 Feb 2024 08:20 PM (IST)
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सी रंगराजन प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

पीटीआई, हैदराबाद। भारत को साल 2047 तक अगर विकसित देश बनना है तो उसे सालाना 7 से 8 फीसद की दर से विकास करना होगा, साथ ही प्रति व्‍यक्‍त‍ि आय को भी 13000 डॉलर तक ले जाना होगा, तभी ऐसा संभव हो पाएगा। यह कहना है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गर्वनर सी रंगराजन का।

रंगराजन ने कहा कि गरीबी और असामनता को खत्‍म करने के लिए केवल नवाचार (Innovation) ही एक मात्र साधन नहीं हो सकता। उन्‍होंने कहा कि तेज विकास दर के अलावा देश को नकदी और बुनियादी आय के रूप में सामाजिक सुरक्षा और सब्सिडी की भी आवश्‍यकता हो सकती है। बता दें कि रंगराजन प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

रंगराजन ने कहा, “मैं कहूंगा कि 7-8 फीसद के बीच की वृद्धि इसे विकसित अर्थव्यवस्था के करीब ले जाएगी, क्योंकि विकसित अर्थव्यवस्था की परिभाषा के अनुसार प्रति व्यक्ति आय 13,000 अमेरिकी डॉलर या अधिक होनी चाहिए। वर्तमान में भारत की प्रति व्यक्ति आय 2700 अमेरिकी डॉलर है। इसका मतलब है कि प्रति व्यक्ति आय पांच गुना बढ़नी होगी।”

उन्‍होंने कहा कि अगर विनिमय दर (Exchange Rate) को निचले स्तर पर रखा जाए या कीमतें बढ़ें तो आय में वृद्धि होगी, तभी भारत एक विकसित राष्ट्र बन सकता है।

उन्होंने कहा, ''इसलिए, मैं कह रहा हूं कि भारतीय अर्थव्यवस्था के डॉलर मूल्य की गणना वास्तविक वृद्धि, मुद्रास्फीति के स्तर और विनिमय दर पर निर्भर करती है।''

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के पूर्व महानिदेशक रघुनाथ अनंत माशेलकर ने मंगलवार को आईसीएफएआई (ICFAI) के 13वें स्थापना दिवस पर व्याख्यान दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति रंगराजन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़कर समारोह की अध्यक्षता की। रंगराजन ने अपने संबोधन में कि प्रौद्योगिकी से आर्थिक वृद्धि को गति मिली है। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि पिछले डेढ़ सौ सालों या उससे अधिक समय में विकसित देशों ने जो वृद्धि दर्ज की है, वह तकनीक के दम पर ही संभव हो सका।