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Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में अस्थिरता से भारत सहित अन्य देशों के आयात-निर्यात पर होगा असर

एक नई रेटिंग रिपोर्ट में पता चला है कि बांग्लादेश से निर्यात में गिरावट से समूचे वित्त वर्ष की उसकी समग्र व्यापार स्थिति पर कोई असर पड़ने की आशंका नहीं है। बांग्लादेश में अस्थिरता से भारत का कपड़ा और परिधान क्षेत्र चिंतित है। पड़ोसी देश में हुए घटनाक्रम का उन कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर होगा जिनकी वहां मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयां हैं।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Tue, 06 Aug 2024 07:04 PM (IST)
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Bangladesh Crisis:भारत सहित अन्य देशों के आयात निर्यात प्रभावित
पीटाआई, नई दिल्ली। एसएंडपी ग्लोबल रेटिग्स के मुताबिक, भारत एक विविध निर्यातक देश है और बांग्लादेश से निर्यात में गिरावट से समूचे वित्त वर्ष की उसकी समग्र व्यापार स्थिति पर कोई असर पड़ने की आशंका नहीं है। सावरेन एंड इंटरनेशनल पब्लिक फाइनेंस रेटिग्स के निदेशक (एशिया-प्रशांत) एंड्रयू वुड ने कहा, 'एसएंडपी को उम्मीद है कि इस दौरान बांग्लादेश में घरेलू मांग की स्थिति कमजोर रहेगी औॅर संभवत: भारत सहित अन्य देशों से बांग्लादेश को होने वाले निर्यात में कमी आएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत का राजकोषीय घाटा कम रहता है तो हम रेटिंग को अपग्रेड कर सकते हैं। बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि भारत एशिया में पड़ोसी देश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2022-23 में बांग्लादेश को भारत का निर्यात 12.21 अरब डालर से घटकर 2023-24 में 11 अरब डालर रह गया। भारत के मुख्य निर्यात में सब्जियां, काफी, चाय, मसाले, चीनी, रिफाइंड पेट्रोलियम तेल, रसायन, कपास, लोहा और इस्पात तथा वाहन आदि शामिल हैं। मुख्य आयातित चीजों में मछली, प्लास्टिक, चमड़ा और परिधान आदि शामिल हैं।

भारत का कपड़ा और परिधान क्षेत्र चिंतित

भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ (सीआइटीआई) ने कहा है कि बांग्लादेश में अस्थिरता से भारत का कपड़ा और परिधान क्षेत्र चिंतित है। पड़ोसी देश में हुए घटनाक्रम का उन कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर होगा, जिनकी वहां मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयां हैं।

कपड़ा उद्योग संगठन का मानना है कि बांग्लादेश में किसी भी आपूर्ति व्यवधान का तत्काल असर सप्लाई चेन पर पड़ेगा। इससे भारतीय कंपनियों की डिलीवरी समयसीमा प्रभावित हो सकती है। सीआइटीआई की महासचिव चंद्रिमा चटर्जी ने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति वास्तव में चिंताजनक है और हम घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। कपड़ा क्षेत्र में बांग्लादेश ने जिस तरह की तरक्की की है, वह प्रेरणादायक और इसने पूरे उपमहाद्वीप में व्यापार प्रवाह को मजबूती दी है। हम सप्लाई चेन पर पड़ने वाले प्रभव और इसके कारण होने वाली संभावित देरी और व्यवधानों के बारे में चिंतित हैं और हमें उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही सुधर जाएगी।

 जय श्रीवास्तव, संस्थापक, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव ने कहा कि स्थिर और मजबूत बांग्लादेश में भारत की रणनीति रुचि है। हम गेहूं, चावल, दाल, प्याज, मसाले, चीनी, खली और बिजली का बांग्लादेश को निर्यात करते हैं। अगर इन सामानों की आपूर्ति में किसी तरह का व्यवधान आता है तो वहां इनकी कीमतों में वृद्धि् होगी और लोगों की परेशानी बढ़ेगी। यदि राजनीति उथल-पुथल की स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो यह भारतीय व्यवसायों को वैकल्पिक बाजार तलाशने के लिए मजबूर कर सकती है।

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 निर्यात और आयात गतिविधियां ठप

अजय सहाय, महानिदेशक और सीईओ, फियो ने कहा  कि बांग्लादेश के साथ निर्यात और आयात गतिविधियां कमोवेश ठप हैं। व्यवधान पिछले पखवाड़े से ही दिखाई देने लगे थे, जिससे कुछ हद तक निर्यात प्रभावित हुआ है। हालांकि जल्द खराब होने वाले उत्पादों का निर्यात हमेशा की तरह जारी थी, लेकिन सोमवार की घटना के बाद उसे भी रोक दिया गया है। अनियमित इंटरनेट बैंकिंग क्षेत्र के लिए चुनौती बन रहा है और इससे भी निर्यात पर असर पड़ा है। बांग्लादेशी समकक्षों के संपर्क में रहने वाले भारतीय निर्यातकों से बात करने पर पता चला है कि समस्या का हल जल्द ही निकल आएगा और हमेशा की तरह व्यापार एक बार फिर शुरू हो जाएगा।

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