Move to Jagran APP

इन मामले में चीन से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है भारत, यहां जानें जरूरी डिटेल

भारत दो प्रमुख मापदंडों यानी जीडीपी के अनुपात में निर्यात और सेवा निर्यात पर चीन से आगे निकल गया है। न्यू डीएचएल ग्लोबल कनेक्टेडनेस रिपोर्ट-2024 में कहा गया है कि 2021 के बाद से भारत का जीडीपी के अनुपात में निर्यात चीन से अधिक हो गया है। जबकि निर्यात और आयात दोनों के मामले में देश का सेवा व्यापार भी तेजी से बढ़ रहा है।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Wed, 13 Mar 2024 07:08 PM (IST)
Hero Image
इन मामले में चीन से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है भारत
पीटीआई, नई दिल्ली। वैश्विक बाजार में एकीकरण के संबंध में भारत दो प्रमुख मापदंडों जीडीपी के अनुपात में निर्यात और सेवा निर्यात पर चीन से आगे निकल गया है। डीएचएल और न्यूयार्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल आफ बिजनेस की तरफ से यहां जारी 'न्यू डीएचएल ग्लोबल कनेक्टेडनेस रिपोर्ट-2024' में कहा गया है कि 2021 के बाद से भारत का जीडीपी के अनुपात में निर्यात चीन से अधिक हो गया है।

जबकि निर्यात और आयात दोनों के मामले में देश का सेवा व्यापार भी तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 और 2022 में जीडीपी के हिस्से के रूप में भारत का निर्यात और आयात तेजी से बढ़ा। देश में वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात सकल घरेलू उत्पाद का 23 प्रतिशत (2020 में 19 प्रतिशत से अधिक) और वस्तुओं और सेवाओं के आयात का हिस्सा जीडीपी के 26 प्रतिशत (2020 में 19 प्रतिशत से भी अधिक) पर पहुंच गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में सेवा व्यापार तीव्रता निर्यात और आयात दोनों के मामले में चीन से कहीं अधिक है। हालांकि, जहां तक वस्तु व्यापार का संबंध है, भारत में जीडीपी के अनुपात में आयात अधिक होता है जबकि चीन में निर्यात की हिस्सेदारी अधिक है।

यह भी पढ़ें - फटाफट लाभ के लिए F&O में खुदरा निवेशकों का आना चिंताजनक: नागेश्वरन

वैश्विक व्यापार में 2024 में तेजी आने की उम्मीद

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वैश्विक व्यापार 2022 में रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था और कोरोना महामारी, यूक्रेन तथा गाजा में युद्ध और अमेरिका-चीन व्यापार संघर्ष जैसे विभिन्न झटकों के बावजूद यह 2023 में भी लगभग ऊंचा बना हुआ है। रिपोर्ट में 2024 में वैश्विक व्यापार में तेजी आने का अनुमान लगाया है।

डीएचएल एक्सप्रेस के सीईओ जान पियर्सन ने कहा, 'रिपोर्ट के निष्कर्ष स्पष्ट रूप से वैश्वीकरण के रुख के पलटने की धारणा को खारिज कर देते हैं। आज वैश्वीकरण सिर्फ चर्चा का कारण नहीं है, बल्कि एक प्रभावशाली शक्ति है जिसने हमारी दुनिया को गहराई से नया आकार दिया है और इसमें और भी बड़ी संभावनाएं हैं।

यह भी पढ़ें - वनस्पति तेल आयात में आई 13 प्रतिशत की कमी, फरवरी में 9.75 लाख टन पहुंचा