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Power Consumption: देश में बिजली की खपत में बढ़ोतरी, अगस्त में खर्च हुई 151.66 बिलियन यूनिट

पिछले महीने अगस्त में उमस भरे मौसम की वजह से बिजली की खपत ज्यादा हुई है। अगस्त में बिजली की खपत 16 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 151.66 बिलियन यूनिट हो गई। वहीं सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले इसी अवधि में बिजली की खपत 130.39 बिलियन यूनिट (बीयू) थी। वहीं अगस्त 2021 में यह 127.88 बीयू से ज्यादा था। (जागरण फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Priyanka KumariUpdated: Mon, 04 Sep 2023 05:07 PM (IST)
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देश में बिजली की खपत में बढ़ोतरी
 नई दिल्ली,एजेंसी। इस साल अगस्त में देश की बिजली खपत पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 16 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 151.66 बिलियन यूनिट हो गई। इसका मुख्य कारण उमस भरे मौसम के दौरान कूलर, एसी का उपयोग बढ़ना है।

आपको बता दें सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले इसी अवधि में बिजली की खपत 130.39 बिलियन यूनिट (बीयू) थी। वहीं, अगस्त 2021 में यह 127.88 बीयू से ज्यादा था।

बिजली की मांग में बढ़ोतरी

देश में सबसे ज्यादा बिजली की अधिक आपूर्ति अगस्त 2023 में बढ़कर 236.59 गीगावॉट हो गई। वहीं, वर्ष 2022 में 195.22 गीगावॉट और अगस्त 2021 में 196.27 गीगावॉट थी।

क्यों बढ़ी बिजली की मांग

बिजली मंत्रालय ने अनुमान लगाया था कि गर्मी के मौसम में देश की बिजली की मांग 229 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी। इस साल अप्रैल-जुलाई में बेमौसम बारिश के कारण मांग अनुमानित स्तर तक नहीं पहुंच पाई थी। वहीं, जून में बिजली की आपूर्ति 223.29 गीगावॉट की नई ऊंचाई को छू गई और जुलाई में यह 208.95 गीगावॉट पर रही।

उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि देश में व्यापक बारिश के कारण इस साल मार्च, अप्रैल, मई और जून में बिजली की खपत प्रभावित हुई। इसके अलावा उनका मानाना है कि अगस्त के महीने में बिजली की खपत के साथ-साथ मांग में भी वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण उच्च आर्द्र मौसम (गरमी) की स्थिति और फेस्टिव सीजन से पहले औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि भी है।

आपको बता दें कि अगस्त में अधिकतम बिजली आपूर्ति 236.59 गीगावॉट की नई ऊंचाई को छू गई और 1 सितंबर, 2023 को 239.97 गीगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।

हालाँकि, एक दिन में सबसे अधिक बिजली आपूर्ति शनिवार को थोड़ी कम होकर 238.62 गीगावॉट और रविवार को 223.12 गीगावॉट रह गई। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आने वाले महीनों में बिजली की खपत और मांग स्थिर रहेगी।