Indian Currency Notes: काफी दिलचस्प है करेंसी नोट की तस्वीरों का किस्सा, आजादी के पहले और बाद में हुए कई बदलाव
Indian Rupee भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी जी की तस्वीर को पहली बार आजादी मिलने के दो दशकों के बाद छापा गया था। इससे पहले भारत सरकार की ओर से अशोक स्तंभ की तस्वीर को नोट पर प्राथमिकता दी गई थी।
By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Wed, 26 Oct 2022 03:38 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को केंद्र सरकार से बड़ी मांग करते हुए नोटों पर गांधी जी की के साथ गणेश जी और लक्ष्मी जी की तस्वीर छापने की बड़ी मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को विकसित बनाने के लिए प्रयास तभी सफल होंगे, जब देवी - देवताओं का आशीर्वाद हो।
इसके बाद लोगों के मन में ये उठ रहा है क्या गांधी जी की तस्वीर वाले नोट आने से पहले किसी देवी - देवता या फिर किसी और की तस्वीर को भारतीय रुपये पर अंकित किया गया है, जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
आजादी से पहले भारतीय रुपये का इतिहास
आजादी से पहले भी आरबीआई की ओर से भारतीय मुद्रा को छापा जाता था। आरबीआई की स्थापना उस समय की ब्रिटिश इंडिया सरकार की ओर से 1 अप्रैल 1935 को गई थी और उस समय आरबीआई मुख्यालय कोलकाता में हुआ करता था।पहली बार आरबीआई ने 1938 में ब्रिटेन के राजा जॉर्ज VI की तस्वीर के साथ 5 रुपये का नोट जारी किया था, जिसके बाद फरवरी में 10 रुपये, मार्च में 100 रुपये और फिर जून में 1,000 रुपये एवं 10,000 रुपये का नोट जारी किया था। इन नोटों पर उस समय दूसरे आरबीआई गवर्नर जेम्स टेलर के हस्ताक्षर थे। भारत की आजदी के कुछ सालों बाद तक यहीं नोट चलन में थे।
आजादी के बाद भारतीय रुपया
1947 में आजादी मिलने के बाद भारतीय रुपये को नए सिरे से डिजाइन किया गया और 1949 आरबीआई की ओर से ब्रिटिश राजा जॉर्ज VI की तस्वीर को हटाकर भारतीय नोटों पर राष्ट्रीय चिन्ह सारनाथ के अशोक स्तंभ को जगह दी गई।सरकार ने पहले छोटी राशि के नोटों को छापने में प्राथमिकता दी और फिर 1954 में तंजौर मंदिर की तस्वीर के साथ 1,000 रुपये का नोट, गेटवे ऑफ इंडिया की तस्वीर के साथ 5,000 रुपये का नोट और अशोक स्तंभ के साथ 10,000 रुपये का नोट जारी किया। हालांकि उच्च मूल्य वाले नोटों का 1978 में डिमोनिटाइजेशन कर दिया गया था।
इसके बाद 1980 में नए नोटों को जारी किया गया, जिसमें भारत की प्रगति को दिखाया गया था। उस समय 1 रुपये के नोट पर ऑयल रिंग, 2 रुपये के नोट पर आर्यभट्ट, 5 रुपये के नोट पर किसान और ट्रैक्टर, 10 रुपये के नोट पर मोर और 20 रुपये के नोट पर कोणार्क मंदिर को दर्शाया गया था।