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S&P India Services PMI: बेहतर मांग से भारत के सेवा क्षेत्र में तेजी, नौकरियों में लगातार पांचवें महीने बढ़ोतरी

SP Global India Services PMI के आंकड़ों के अनुसार भारत में सेवा क्षेत्र की स्थिति बेहतर बनी हुई है। इसके अलावा अक्टूबर में आउटपुट इंडेक्स भी मजबूत रहा। हालांकि इनपुट लागत के चलते मुद्रास्फीति में मामूली तेजी आई है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Thu, 03 Nov 2022 02:03 PM (IST)
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S&P India Services PMI: India's services sector recovers growth momentum in October
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में अक्टूबर में जबरदस्त तेजी देखी गई। नए कारोबारों में मजबूत बढ़त और बेहतर मांग के चलते नौकरियों में भी बढ़ोतरी हुई है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया सर्विसेज पीएमआई के मासिक सर्वेक्षण में गुरुवार को यह जानकारी दी गई।

S&P Global India Services PMI बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स सितंबर के छह महीने के निचले स्तर 54.3 से बढ़कर अक्टूबर में 55.1 हो गया, जो विकास की तेज रफ्तार की ओर इशारा करता है। लगातार 15वें महीने पीएमई का आंकड़ा 50 से ऊपर बना हुआ है।

परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अगर 50 से ऊपर है तो इसे अर्थव्यवस्था में प्रगति का संकेत माना जाता है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है।

बेहतर हो रही अर्थव्यवस्था की हालत

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की एसोसिएट निदेशक पोलीन्ना डी लीमा ने कहा कि अक्टूबर के नतीजे बताते हैं कि सेवा प्रदाताओं को अक्टूबर में नए काम हासिल करने में कोई परेशानी नहीं हुई। यह क्षेत्र अंदर से मजबूत बना रहा, क्योंकि व्यावसायिक गतिविधि और बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कदम उठाए गए थे।

सर्विस इकोनॉमी का जलवा

सर्विस इकोनॉमी में रोजगार सृजन के लिए नए व्यवसाय और आउटपुट डिमांड में निरंतर वृद्धि जारी रही। रोजगार लगातार पांचवें महीने बढ़ा। यह पिछले तीन साल से दूसरी सबसे अधिक बढ़ोतरी है। आशावादी विकास अनुमानों ने अक्टूबर में रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया।

महंगाई के मोर्चे पर क्या हैं हालात

मुद्रास्फीति के मोर्चे पर सर्वेक्षण में कहा गया है कि इनपुट लागत और आउटपुट शुल्क से मुद्रास्फीति दरों में मामूली तेजी आई है। लीमा ने कहा कि कई कंपनियों ने संकेत दिया कि खाद्य, ईंधन और खुदरा वस्तुओं की ऊंची  कीमतों ने अक्टूबर में उनके खर्चों को बढ़ा दिया। ग्राहकों पर भी इस अतिरिक्त लागत का बोझ पड़ा। इसके चलते कीमतों में बढ़ोतरी हुई।

आउटपुट इंडेक्स भी बढ़ा

एसएंडपी ग्लोबल इंडिया कम्पोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स, जो संयुक्त सेवाओं और विनिर्माण उत्पादन को मापता है, अक्टूबर में बढ़कर 55.5 हो गया, जो सितंबर में 55.1 था। भारत में निजी क्षेत्र की गतिविधियों के विकास में हल्की तेजी आई।

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