बांग्लादेश के सियासी संकट से व्यापार भी प्रभावित, क्या भारत के कपड़ा उद्योग को होगा फायदा?
बांग्लादेश के निर्यात में कपड़ा क्षेत्र की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। बांग्लादेश में प्रोटेस्ट से यह उद्योग भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय खरीदार भारत जैसे वैकल्पिक बाजार का रुख कर रहे हैं। इससे भारत के टेक्सटाइल सेक्टर को फिर से उभरने का मौका मिल सकता है। अगर 10-11 फीसदी हिस्सा भी शिफ्ट होता है तो भारत को 30-40 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त कारोबार मिलने की उम्मीद है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में सियासी संकट काफी गहरा हो गया है। शेख हसीना प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ चुकी हैं और फिलहाल भारत में हैं। देश की कमान फिलहाल सेना के हाथ में है और उसने जल्द ही अंतरिम सरकार के गठन की बात कही है। इस राजनीतिक उथलपुथल का असर बांग्लादेश के व्यापार पड़ रहा है।
टेक्सटाइल सेक्टर पर ज्यादा असर
बांग्लादेश के निर्यात में कपड़ा क्षेत्र की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। बांग्लादेश में प्रोटेस्ट से यह उद्योग भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय खरीदार भारत जैसे वैकल्पिक बाजार का रुख कर रहे हैं। इससे भारत के टेक्सटाइल सेक्टर को फिर से उभरने का मौका मिल सकता है।
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि अगर बांग्लादेश के निर्यात का 10-11 फीसदी हिस्सा भी तिरुपुर जैसे भारतीय केंद्रों में शिफ्ट होता है, तो भारत को हर महीने 30-40 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त कारोबार मिलने की उम्मीद है।
भारत को हो सकता है फायदा
बांग्लादेश का मंथली अपैरल एक्सपोर्ट 3.5 से 3.8 अरब डॉलर के बीच है। इसका यूरोपीय यूनियन, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे बड़े बाजारों में हिस्सेदारी दोहरे अंकों में है। वहीं, भारत की बात करें तो हम हर महीने करीब 1.3 से 1.5 अरब डॉलर का निर्यात कर रहे हैं।
उद्योग संस्था इंडियन टेक्सप्रेन्योर फेडरेशन के सचिव प्रभु दामोदरन ने कहा, ‘बांग्लादेश में हालात जटिल होने से अंतरराष्ट्रीय खरीदार कुछ ऑर्डर भारत और अन्य देशों में शिफ्ट कर सकते हैं। भारत का हर महीने परिधान निर्यात 1.3 से 1.5 अरब डॉलर के बीच है। हम 30 से 40 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त ऑर्डर को आसानी से संभाल लेंगे।’
कारखाने भी भारत में शिफ्ट होंगे!
बांग्लादेश में भारतीयों के मालिकाना हक वाली कई फैक्टरियां हैं। अगर संकट और अधिक गहराता है, तो वे भारत में भी शिफ्ट हो सकती हैं। कारोबार नीति विश्लेषक एस चंद्रशेखरन के अनुसार, बांग्लादेश में लगभग 25 फीसदी कारखानों के मालिक भारतीय हैं। इनमें शाही एक्सपोर्ट्स, हाउस ऑफ पर्ल फैशन्स, जय जय मिल्स, टीसीएनएस, गोकादास इमेजेज और अंबत्तूर क्लोदिंग जैसी कंपनियां शामिल हैं।
चंद्रशेखरन ने कहा, ‘बांग्लादेश में अफरा-तफरी वाली स्थिति है। माल की आवाजाही भी अटकी हुई है। क्रिसमस सीजन के अमेरिका और यूरोपीय बाजारों से बड़े ऑर्डर बांग्लादेश के पास हैं। लेकिन, अब क्रिसमस के लिए सप्लाई बाधित हो सकती है। भारत को इसका फायदा मिल सकता है, क्योंकि अब वे ऑर्डर इधर मिलने लगेंगे।’यह भी पढ़ें : Bangladesh Crisis: बांग्लादेश-भारत के बीच व्यापार ठप, नई सरकार बनने के बाद क्या होगा?