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अगले 10-15 वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत: निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अपनी लचीली नीतियों के कारण भारत विदेशी निवेशकों के लिए इन्वेस्टमेंट हब बना हुआ है। रोजगार के नए अवसर और समान आय वितरण सरकार की मुख्य प्राथमिकताएं हैं। ये आगे भी जारी रहेंगी।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Fri, 11 Nov 2022 06:00 PM (IST)
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India to become world's third largest economy in next 10-15 years: Nirmala Sitharaman

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगले 10-15 वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। शुक्रवार को अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन के साथ एक कार्यक्रम में बोलते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत अगले 10-15 वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इससे पहले दिन में सीतारमण ने अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन से मुलाकात की, जो भारत की एक दिवसीय यात्रा पर हैं। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को और भी मजबूत करेंगे। नौवीं भारत-अमेरिका वित्तीय साझेदारी वार्ता शुरू होने से पहले अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता अमेरिका के साथ लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को अधिक मजबूती प्रदान करेगी।

तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत

सीतारमण ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभरा है।उन्होंने कहा कि भारत हाल ही में ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अगले 10-15 वर्षों में वैश्विक स्तर पर शीर्ष तीन आर्थिक शक्तियों में से एक हो जाएगा।

भारत और अमेरिका महत्वपूर्ण साझेदार

वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के बीच महत्वपूर्ण और लगातार बातचीत और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता ने हमारे मजबूत संबंधों को पहले से अधिक मजबूत किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में अमेरिका के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है।

वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के बीच महत्वपूर्ण और लगातार बातचीत और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता ने हमारे मजबूत संबंधों को पहले से अधिक मजबूत किया है।

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