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NITI Aayog के सदस्य ने कहा- 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था

NITI Aayog के सदस्य अरविंग विरानी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की इकोनॉमी 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी। आने वाले कुछ सालों में यही ग्रोथ रेट रहेंगे। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7.2 फीसदी का अनुमान जताया था। पढ़ें पूरी खबर...

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Fri, 12 Jul 2024 02:00 PM (IST)
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अरविंग विरानी- 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत की इकोनॉमी को लेकर नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य अरविंग विरानी (Arvind Virmani) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 7 फीसदी की दर से बढ़ेगी। आने वाले कुछ सालों में यही ग्रोथ रेट मैंटेन रहेगा, यानी 7 फीसदी की दर से देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।

अरविंग विरानी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ हुए इंटरव्यू में कहा कि विकास में लगतार बढ़ोतरी करने के लिए देश को कई चुनौतियों का सामना करने पड़ेगा। वर्तमान में भी देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा है।

अरविंग विरानी ने साक्षात्कार में कहा

भारतीय अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत प्लस माइनस 0.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। ऐसे में उम्मीद है कि आज से कई वर्षों तक देश की ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत ही रहेगा।

पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत का अनुमान जताया।

प्राइवेट कंजम्पशन एक्सपेंडिचर पर क्या कहा

पिछले साल प्राइवेट कंजम्पशन एक्सपेंडिचर (Private Consumption Expenditures) में गिरावट आई थी। इस साल प्राइवेट कंजम्पशन एक्सपेंडिचर को लेकर विरानी ने कहा कि अब इसमें रिकवरी हो रही है।

प्राइवेट कंजम्पशन एक्सपेंडिचर की स्थिति कोराना महामारी जैसी नहीं है। कोरोना महामारी के समय लोगों को अपनी सेविंग निकालनी पड़ी थी, लेकिन पिछले साल El Nino होने के बावजूद वैसी स्थिति नहीं आई। अब लोग सेविंग करना शुरू कर रहे हैं, ऐसे में खपत में नरमी आ रही है।

खपत में गिरावट को लेकर विरानी ने कहा कि लोग सेविंग के लिए साधारण सामान खरीदेंगे या फिर कम ब्रांडेड सामान खरीदेंगे ताकि वह सेविंग कर पाएं।

विरमानी ने कहा कि इतिहास से पता चलता है कि गठबंधन सहयोगी उन राज्यों में निजीकरण को धीमा कर सकते हैं जहां क्षेत्रीय सहयोगी सत्ता में हैं, लेकिन यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।

कई राज्य में स्लो है निजीकरण

विरमानी ने इतिहास का तर्ज देते हुए कहा कि कई राज्यों में निजीकरण काफी धीमा है। वह कहते हैं कि जिन राज्यों में गठबंधन सहयोगी और वहां क्षेत्रीय सहयोगी सत्ता में हैं उन राज्यों में प्राइवेटाइजेशन धीमा हो सकता है। हालांकि, अभी यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।

वह इतिहास का उदाहरण देते हुए कहते हैं जैसे बाकी राज्यों में प्राइवेटाइजेशन हो रहा है, उस तरह इन राज्यों में होना चाहिए।

एन चंद्रबाबू नायडू (N Chandrababu Naidu) की टीडीपी (TDP) और नीतीश कुमार(Nitish Kumar) के नेतृत्व वाले जेडीयू (JDU) के साथ एनडीए (NDA) गठबंधन किया। इस गठबंधन के साथ एनडीए ने केंद्र में सरकार बना ली। इस साल हुए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में एनडीए ने आधे का आंकड़ा पार कर लिया।

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FDI पर क्या कहा

वर्तमान में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में गिरावट आई। इस गिरावट पर विरमानी ने कहा कि अमेरिका और अन्य विकसित देशों में निवेश पर जोखिम रहित रिटर्न ज्यादा है। ऐसे में एफडीआई ने विकसित देशों की तरफ रुख अपनाया है। लेकिन, जैसे ही अमेरिका में ब्याज दरें कम होंगी, वैसे ही एफडीईआई का रुख भारत समेत उभरते बाजारों की ओर होगा।

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