क्या है Living Wage जो ले सकता है न्यूनतम वेतन की जगह? पढ़ें पूरी डिटेल्स
सरकार श्रमिकों की स्थिति को सुधारने के लिए अब न्यूनतम वेतन (Minimum Wage) की जगह लिविंग वेज (Living Wage) लाने की प्लानिंग कर रही है। सरकार जल्द ही इसमें बदलाव कर सकता है। लिविंग वेज के लिए सरकार अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन से तकनीकी सहायता पर विचार कर रहे हैं। लिविंग वेज भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी होती है जो उसे बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिया जाएगा।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। वर्तमान में सरकार द्वारा श्रमिक को मिनिमम वेज (Minimum Wage) यानी कि न्यूनतम सैलरी मिलती है। हालांकि, कई कंपनी न्यूनतम सैलरी से बचने के लिए कई उपाय करते हैं। ऐसे में सरकार मिनिमम वेज कानून को सुधारने के लिए अहम कदम उठाने वाली है।
कर्मचारियों की मदद के लिए सरकार जल्द ही न्यूनतम वेतन की जगह लिविंग वेज (Living Wage) सिस्टम लाने का विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार सरकार लिविंग वेज के लिए इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) से सहायता ले रहा है।
अगले वर्ष यानी 2025 तक भारत में लिविंग वेज सिस्टम (Living Wage System) लागू हो सकता है।
भारत में लगभग 90 फीसदी कर्मचारी असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। इनमें से कई कर्मचारी को मिनिमम वेज नहीं मिलता है। ऐसे में सबको न्यूनतम सैलरी मिले इसके लिए लिविंग वेज सिस्टम लाया जा रहा है।आइए जानते हैं कि लिविंग वेज क्या होता है और यह मिनिमम वेज सिस्टम से कितना अलग है?