अगले 5-6 सालों में ऊर्जा क्षेत्र में भारत में होगा 67 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश: पीएम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि अगले 5-6 साल में भारत में ऊर्जा क्षेत्र में 67 अरब डॉलर का निवेश होने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व पैसा निवेश कर रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने यह भी देश की प्राथमिक ऊर्जा मांग 2045 तक दोगुनी हो जाएगी। आइये इसके बारे में जानते हैं।
पीटीआई, गोवा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत में अगले पांच से छह वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में 67 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश होगा और उन्होंने वैश्विक निवेशकों को भारत की विकास गाथा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
मोदी ने यहां भारत ऊर्जा सप्ताह के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रही है और देश जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
67 अरब डॉलर का निवेश
पीएम मोदी ने वैश्विक खिलाड़ियों को भारत के ऊर्जा क्षेत्र के विकास में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि देश को 2030 तक अपनी रिफाइनिंग क्षमता 254 MMTPA (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) से बढ़ाकर 450 एमएमटीपीए करने की उम्मीद है।उन्होंने कहा कि अगले 5-6 साल में भारत में ऊर्जा क्षेत्र में 67 अरब डॉलर का निवेश होने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व पैसा निवेश कर रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि देश की प्राथमिक ऊर्जा मांग 2045 तक दोगुनी हो जाएगी।
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कच्चे तेल और एलपीजी का तीसरा सबसे उपभोक्ता
मोदी ने कहा कि भारत कच्चे तेल और एलपीजी का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और एलएनजी का चौथा सबसे बड़ा आयातक है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक समस्याओं के सामने देश की ऊर्जा प्रबंधन रणनीति का जिक्र करते हुए कहा, पिछले दो वर्षों में भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हुईं।
उन्होंने कहा कि सभी विशेषज्ञों की राय है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।उन्होंने कहा कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर अब 7.5 प्रतिशत से अधिक है और यह वैश्विक निकायों के अनुमान से अधिक है। उन्होंने कहा कि सरकारी सुधार घरेलू प्राकृतिक गैस उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं और भारत 2030 तक अपने ऊर्जा मिश्रण में गैस की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य बना रहा है।