केंद्र सरकार ने किया 10 लाख नौकरियों का इंतजाम, मंत्री पीयूष गोयल ने दी 'खुशखबरी'
India-UAE CEPA भारत और संयुक्त अरब अमीरातके बीच हुआ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर हो गए हैं। दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते से भारत में 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी है।
By Lakshya KumarEdited By: Updated: Sun, 20 Feb 2022 12:37 PM (IST)
मुंबई, पीटीआइ। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने शनिवार को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच हुआ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (CEPA) न केवल द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि निर्यात (Exports) को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि 'इस समझौते से भारत में रोजगार के 10 लाख अवसर (Job Opportunities) उत्पन्न होंगे।' भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने शुक्रवार को 88 दिनों के कम समय में वार्ता समाप्त करने के बाद व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ''सीईपीए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों, स्टार्टअप, किसानों, व्यापारियों और विभिन्न व्यवसायों के लिए बेहद फायदेमंद होगा। यह समझौता माल एवं सेवाओं दोनों के लिए बाजार तक पहुंच प्रदान करेगा और हमारे युवाओं के लिए रोजगार पैदा करेगा। यह हमारे स्टार्टअप के लिए नए बाजार खोलेगा, हमारी कारोबारी व्यवस्था को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा और हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा।‘’
अतिरिक्त 10 लाख रोजगार के अवसर
गोयल ने कहा कि क्षेत्रवार विचार-विमर्श से पता चला है कि यह समझौता भारतीय नागरिकों के लिए अतिरिक्त 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि सीईपीए के जरिए निर्यात पर हमारे जोर और जीसीसी, ऑस्ट्रेलिया तथा कनाडा के साथ हमारी एफटीए वार्ता आगे बढ़ने से देश की बाजार पहुंच में वृद्धि होगी और हमारे निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सीईपीए विशेष रूप से श्रम आधारित भारतीय उत्पादों के लिए दरवाजे खोलेगा, जो संयुक्त अरब अमीरात को निर्यात किए जाते हैं, जिसमें कपड़ा, रत्न और आभूषण, दवाएं, कृषि उत्पाद, जूते, चमड़े, खेल के सामान, इंजीनियरिंग सामान, ऑटो पार्ट्स और प्लास्टिक शामिल हैं।
मंत्री ने कहा, "भारत से संयुक्त अरब अमीरात को निर्यात किए जाने वाले लगभग 90 प्रतिशत उत्पादों पर समझौते के कार्यान्वयन के साथ शून्य शुल्क लगेगा। लगभग 80 प्रतिशत ट्रेड लाइन्स पर शून्य शुल्क लगेगा, शेष 20 प्रतिशत हमारे निर्यात को ज्यादा प्रभावित नहीं करते हैं, इसलिए यह एक बढ़िया समझौता है।"